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मुंगेली की तरह जांजगीर जिले में भी अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी, लेकिन दबी हुई है फाइल

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 16, 2019 07:30:56 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

मुंगेली जिले में अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी मामले में तत्कालीन डीईओ एनके द्विवेदी को राज्य शासन ने बर्खास्त कर दिया है। लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी पर राज्य शासन की नजर नहीं पड़ी है।

मुंगेली की तरह जांजगीर जिले में भी अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी, लेकिन दबी हुई है फाइल

मुंगेली की तरह जांजगीर जिले में भी अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी, लेकिन दबी हुई है फाइल

जांजगीर-चांपा. अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी मामले में तत्कालीन डीईओ एनके द्विवेदी को स्कूल शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है। ठीक इसी तरह जांजगीर-चांपा जिले में भी जुलाई महीने में अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला सामने आया था, जिसमें डीईओ ने नियम के विरूद्ध अपात्र उम्मीदवार को अनुकंपा दे दी है। इसकी शिकायत कलेक्टोरेट सहित राज्य कार्यालय में हुई थी, लेकिन मामले की जांच में आंच आ गई है। अब तक मामले में न तो उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया और न ही डीईओ ने अनुकंपा नियुक्ति की गड़बड़ी जांच में रुचि ली। जिसके चलते मामला पेंडिंग में है।
गौरतलब है कि मुंगेली जिले में अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी मामले में तत्कालीन डीईओ एनके द्विवेदी को राज्य शासन ने बर्खास्त कर दिया है। लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी पर राज्य शासन की नजर नहीं पड़ी है। जिसके चलते विभाग के कार्यशैली में सवाल उठने लगा है। इस मामले की जांच के लिए शिकायतकर्ताओं ने राज्य शासन से गुहार लगाई है।

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यह है पूरा मामला
जिला शिक्षा अधिकारी पर मिशन स्कूल चांपा में एक अभ्यर्थी का नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति का आरोप लगा है। दरअसल जिस अभ्यर्थी की अनुकंपा नियुक्ति हुई है वह किसी भी दृष्टिकोण से पात्र नहीं है। अभ्यर्थी न ही टेट परीक्षा पास की है और न ही उसके पास बीएड-डीएड का सर्टिफिकेट है। जबकि अनुकंपा नियुक्ति में शिक्षक पद के लिए यह दोनों ही योग्यता अनिवार्य है। यह योग्यता नहीं होने की शर्त पर प्यून पद ही स्वीकृत किया जाता है। न कि उसे शिक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति की जाए। दरअसल, मिशन मिडिल स्कूल चांपा (शासन से अनुदान प्राप्त) में प्राची बंसियर नाम की एक युवती की अनुकंपा नियुक्ति शिक्षक पद पर हुई है। प्राची के पास न तो बीएड-डीएड की योग्यता है और न ही वह टेट परीक्षा पास की है। ऐसे में यह अनुकंपा नियुक्ति नियम विरूद्ध है।

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यह है जरूरी नियम
अनुकंपा नियुक्ति में सरकार के नियम बड़े सख्त हैं। नियम में शासकीय कर्मी जिसका निधन हो गया हो वह चाहे किसी भी पद में क्यों न हो उसके बच्चों को यदि अच्छे अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है तो निर्धारित मापदंड में योग्यताधारी हो, तभी उसे अच्छे पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है, लेकिन योग्यता नहीं है तो उसे प्यून पद पर ही अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है।

वर्जन
मिशन चांपा अनुदान प्राप्त स्कूल है। समिति स्कूल को संचालित करती है। समिति से अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित फाइल मांगी गई है लेकिन उन्होंने अब तक फाइल जमा नहीं किया है। जिससे मामला लंबित है।
-केएस तोमर, डीईओ जांजगीर-चांपा

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