इसके चलते जहां स्कूलों में अब शाला स्टाफ को डर लगने लगा है वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी और टैबलेट मेंटनेंस का काम देखने वाले स्मार्ट चिप्स कंपनी के अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। उन्हें भी अब तक कुछ समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लेटलतीफी को दूर करने समेत शाला स्टाफ और बच्चों के अटेंडेंस ऑनलाइन लेने और मध्याह्न भोजन की निगरानी रखने शालाकोष योजना के तहत शासन द्वारा ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है। इसके तहत शैक्षणिक जिला जांजगीर-चांपा और सक्ती जिला मिलाकर 2595 शासकीय प्रायमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में बायोमैट्रिक्स डिवाइस बांटे गए हैं। एक डिवाइस की कीमत करीब 16 हजार रुपए बताई जा रही है।
केस- 1
अकलतरा ब्लॉक के परसाही बाना संकुल अंतर्गत शासकीय मिडिल स्कूल बुचीहरदी में स्कूल की आलमारी की रखा बायोमैट्रिक्स टैबलेट की बैटरी अचानक फट गई। शिक्षकों के अनुसार टैबलेट को रोज की तरह उपयोग कर आलमारी में रख दिया गया था। अगले दिन जब आलमारी खोलकर देखी तो टैबलेट का स्क्रीन टूटा हुआ था और बैटरी फूलकर फटी हुई थी। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गई।
केस- 2
संकुल केंद्र बिर्रा अंतर्गत आने वाले ग्राम देवरानी के शासकीय मिडिल स्कूल में दिए गए बायोमैट्रिक्स टैबलेट की स्क्रीन अचानक क्रेक होकर टूट गई। शिक्षकों को जब इसका पता चला तो इसकी जानकारी उनके द्वारा संबंधित विभाग के अपने उच्चाधिकारियों को दी। शिक्षकों का कहना है कि टैबलेट की बैटरी भी थोड़ी फूल गई थी और अब अचानक स्क्रीन ही टूट गया।
केस- 3
शैक्षणिक जिला सक्ती अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय डभराखुर्द में बिल्कुल इसी तरह का मामला सामने आया। यहां भी दिए गए बायोमैट्रिक्स टैबलेट की स्क्रीन अचानक क्रेक होकर टूट गया और टैबलेट खराब हो गया। इसकी जानकारी होने पर प्रधानपाठक द्वारा शिक्षा विभाग को उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। इस तरह की घटना होने से स्कूल स्टाफ में डर हो गया है।
26 डिवाइसों में इसी तरह की समस्या
बता दें, जिले में अब तक टैबलेट की बैटरी फूलने और स्क्रीन चटकने की कुल 26 मामले सामने आ चुके हैं। जिले में टैबलेट का मेंटनेंस वर्क देखने वाली स्मार्ट चिप कंपनी के पास इस तरह की शिकायतें आ रही है। कंपनी का कहना है कि सभी 9 ब्लॉकों में 2-2 ब्लॉक कोर्डिनेडर की नियुक्ति की गई है जिनके काम मेंटनेंस का पूरा काम किया जाता है। कंपनी के मुताबिक इस तरह की समस्या क्यों आ रही है अभी पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है लेकिन टैबलेट रखने से अपने आप नहीं फटेगा। तर्क दिया जा रहा है कि उनके पास तो सैकड़ों की संख्या में टैबलेट रखे हैं लेकिन ऐसी बैटरी फूलने और स्क्रीन चटकने की कोई शिकायत नहीं है। बैटरी को 25 प्रतिशत से कम और 95 प्रतिशत से ज्यादा चार्ज नहीं करना है। कम या ज्यादा चार्ज भी इसकी एक वजह हो सकती है।
82 डेमेज तो 12 हो चुके हैं चोरी
इसके अलावा स्कूलों में अब तक 82 टैबलेट और खराब हो चुके हैं तो 12 टैबलेट तो स्कूलों से ही चोरी हो गए हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षकों को यह तकनीक रास नहीं आ रही है इसलिए जान बूझकर कई जगहों पर टैबलेट को खराब कर दिया गया है। पानी में गिर जाने, चोरी हो जाने, हाथ से छूटकर गिर जाने के मामले लगातार बढ़ते क्रम में है। ऑनलाइन मॉनिटरिंग होने की वजह से शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचना जरूरी हो गया है।
-टैबलेट फूटने जैसी कोई समस्या नहीं है। हां, बैटरी फूलने और स्क्रीन चटकने के करीब 26 मामले आ चुके हैं। टैबलेटों को रिप्लेसमेंट किया जा रहा है। बैटरी फूलने की जहां भी जानकारी मिल रही हैं तुरंत वहां से सपंर्क कर रहे हैं। स्पष्ट वजह तो नहीं बता पाउंगा। इसके लिए कंपनी के इंजीनियर तकनीकी जांच कर रहे हैं।
-गणेश महिलांगे, डिस्ट्रिक कोआर्डिनेडर स्मार्ट चिप कंपनी