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RTE : निजी स्कूलों की 2700 सीटें फिर रह गई खाली, बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए 6302 अभिभावकों ने आवेदन किया

locationजांजगीर चंपाPublished: Jun 03, 2019 07:39:24 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

6302 में से अब तक 3160 बच्चों को मिला दाखिला

6302 में से अब तक 3160 बच्चों को मिला दाखिला

6302 में से अब तक 3160 बच्चों को मिला दाखिला

जांजगीर-चांपा. जिले की शिक्षा के अधिकार कानून के तहत फिर निजी स्कूलों की 2700 सीटें खाली रह गई। ऐसा नहीं है कि इस सीटों के लिए आवेदन नहीं आए थे। 419 निजी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए 6302 अभिभावकों ने आवेदन किया था मगर 3 जून तक की स्थिति में केवल 3160 बच्चों की ही सीट कन्फर्म हुई है। यानी इतने बच्चों को ही निजी स्कूल में दाखिला मिला। वहीं 381 बच्चे अभी कतार में है। यानी जिन स्कूलों में दाखिला की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अगर कुछ सीटें बच जाएंगी तो इन बच्चों को दाखिला मिल जाएगा। बाकी 2700 बच्चे प्रवेश से वंचित रह गए।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा के अधिकार के तहत नि:शुल्क शिक्षा के लिए जिले के 419 निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी वन और कक्षा पहली में 6500 के करीब सीट आरक्षित की गई थी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे। इस दौरान कुल 6302 आवेदन शिक्षा विभाग को मिले। इसके बाद नोडल अफसरों द्वारा इन आवेदनों की स्कू्रटनी की गई। स्कू्रटनी के दौरान 561 आवेदन डुप्लीकेट पाए गए यानी पालकों ने एक ही बच्चे के लिए दो बार आवेदन कर दिया।
ऐसे में एक आवेदन ही मान्य माना गया। वहीं जांच के बाद 2200 आवेदनों में दस्तावेज अपूर्ण मिले जिसके चलते ये आवेदन अपात्र हो गए। बाकी बचे 3160 सीटों में प्रवेश दिया गया। वहीं 381 बच्चों का आवेदन पात्र मिला। लेकिन इन पालकों ने जिस स्कूलों को पहली प्राथमिकता दी थी वहां सीटें फुल हो जाने से अब दूसरे क्रम की लाटरी में इन्हें उन स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा जहां की सीटें खाली रह जाएंगी और आवेदन करते समय पालकों ने उन स्कूल का नाम विकल्प के तौर पर भरा था। लेकिन अगर पालकों ने आवेदन करते समय एक ही स्कूल का चयन किया होगा तो उसे दोबारा मौका नहीं मिलेगा।


16 जून से शुरू होगी प्रवेश की प्रक्रिया
बता दें, स्कूलों में 16 जून से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आरटीई के तहत पात्र मिले बच्चों को स्कूल में सीट आवंटन की जानकारी मोबाइल एसएमएस के जरिए भेजी गई है। साथ ही चयन सूची भी संबंधित स्कूलों में नोडल अफसरों द्वारा भेजी जा चुकी है। अगर किसी कारणवश मोबाइल में जानकारी नहीं मिली है तो पालक संंबंधित स्कूल में जाकर उस सूची का अवलोकन कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि मोबाइल नंबर में त्रुटि होने के चलते कई अभिभावकों को यह जानकरी नहीं मिल पाई है कि उसकेबच्चे का एडमिशन हो गया है।


हर साल खाली रह गई थी सीट
बता दें, हर साल आरटीई की सीटें खाली रह जाती थी। पहले निजी स्कूल संचालक शाला में मौजूद पूरी सीट संख्या की जानकारी छिपाते थे। इसको देखते हुए शासन ने इसे ऑनलाइन कर दिया हैं जिसमें स्कूल संचालकों को शाला में उपलब्ध सीटों की जानकारी ऑनलाइन किया जा रहा है ताकि कितनी सीटें भरी है और कितनी खाली हैं यह देख सके, मगर असली परेशानी जटिल प्रक्रिया बन रही है। सर्वे सूची, गरीबी रेखा के नाम, जन्मतिथि समेत अन्य दस्तावेज देना जरूरी कर दिया गया है जिसके कारण ही हर बार आधे आवेदन ऐसे ही रिजेक्ट हो जाते हैं।

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