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144 मकान बनकर तैयार, थोड़ा और रुकिए हैंडओवर का है इंतजार

locationजांजगीर चंपाPublished: Jun 03, 2019 08:48:23 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

हैंडओवर नहीं होने से मायूस पुलिसकर्मी

हैंडओवर नहीं होने से मायूस पुलिसकर्मी

हैंडओवर नहीं होने से मायूस पुलिसकर्मी

जांजगीर-चांपा. जिला मुख्यालय के 144 पुलिसकर्मियों को आवास की सुविधा बहुत जल्द मिलने वाली है। 120 सामान्य मकान बनाए गए हैं तो वहीं 24 आफिसर्स क्वार्टर बनाए जा चुके हैं। इस तरह पुलिस लाइन में यह मकान बनकर तैयार है। पर, हैंडओवर नहीं होने से पुलिसकर्मी मकान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। लोकर्पण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिसकर्मियों को अलॉट किया जाएगा।

जर्जर मकान में वर्षों से रह रहे पुलिसकर्मियों को बहुत जल्द आवास की सुविधा मिलने वाली है। पुलिस लाइन में थोक की संख्या में आवास बन रहा है। मकानों में बिजली पानी सहित अन्य सुविधा पूरी तरह फिट हो चुका है। लंबे समय से आवास की समस्या से जूझ रहे पुलिसकर्मियों को नया व सर्वसुविधायुक्त मकान मिल जाने से उनके चेहरे में रौनक आएगी। वहीं पुलिसकर्मियों को महंगे किराए के मकान से मुक्ति मिल जाएगी। गौरतलब है कि जिले में टीआई, एसआई, एएसआई, प्रधान आरक्षक, आरक्षक समेत तकरीबन 1200 पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। इतने कर्मचारियों में बमुश्किल 200 कर्मचारियों के पास सरकारी आवास की सुविधा है। इतने मकान में 75 फीसदी मकान काफी जर्जर हो चुके हैं। सरकारी आवास के छत से बारिश का पानी टपकता है। कर्मचारी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं।
उन्हें सांप बिच्छू का डर सताते रहता है। जांजगीर थाना के पीछे स्थित कई कर्मचारियों के मकान तो रहने लायक नहीं रह गया है। बावजूद किराए के मकान से मुक्ति पाने जर्जर आवास में ही रह रहे हैं। आईजी के दरबार में दर्जनों कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा आवास की सुविधा उपलब्ध कराने गुहार लगाई थी। जिसे देखते हुए आईजी ने आवास सुविधा के लिए पीएचक्यू से आवंटन की मांग की थी। मांग स्वीकृत होने के बाद पुलिस लाइन में बड़ी संख्या में आवास बनकर तैयार है। वर्तमान में अहाता निर्माण पूरा होना व हैंडओवर होना बाकी है। हालांकि आवास की सुविधा किसे मिलेगा यह अभी तय नहीं है। लेकिन अभी से दर्जनों कर्मचारियों ने आवास आवंटन के लिए एसपी से आवेदन दे दिया है।


किस किस को मिलेगा अभी तय नहीं
पुलिसकर्मियों का तबादला साल दो साल में होना तय रहता है। कर्मचारियों के बाल बच्चे पढ़ाई करते रहते हैं। इस कारण उन्हें आवास व परिवार छोडऩा कठिन लगता है। इसके कारण वे आसानी से सरकारी आवास छोडऩे राजी नहीं होते। विभाग में कई शिकायतें रहती है कि कर्मचारियों के एक थाना से दूसरे थाना स्थानांतरित होने के बाद भी आवास में जमे होते हैं। शिकायत के बाद भी इन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती। क्या ऐसे लोगों को आवास से वंचित किया जाएगा या फिर दीगर थानों पर दीगर जिले में पदस्थ कर्मचारियों को आवास सुविधा मिलेगी यह अभी तय नहीं है।


जल संकट का सता रहा डर
पुलिस लाइन में पानी की समस्या है। यही वजह है कि कर्मचारी यहां रहने कोताही बरतते हैं। जांजगीर के आउटर में जनवरी फरवरी माह से ही जलसंकट सताने लगता है। यहां पूरे चार महीने कर्मचारियों को टेंकर के पानी से निस्तारी करना पड़ता है। हालांकि विभाग ने तकरीबन चार बोर की खुदाई करा चुका है। बावजूद जल संकट बरकरार है। यही वजह है कि पुलिस लाइन में रहने कर्मचारी रहने घबराते हैं। अब देखना यह है कि नई कालोनी में पानी की समस्या सुलझती है कि नहीं।


-पुलिस लाइन में 144 नए क्वार्टर बनकर तैयार है। जिसमें 120 सामान्य क्वार्टर हैं वहीं 24 आफिसर्स क्वार्टर्स है। आने वाले दिनों में बहुत जल्द हैंडओवर होगा और कर्मचारियों को अलॉटमेंट किया जाएगा।
– मधुलिका सिंह, एएसपी
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