जर्जर मकान में वर्षों से रह रहे पुलिसकर्मियों को बहुत जल्द आवास की सुविधा मिलने वाली है। पुलिस लाइन में थोक की संख्या में आवास बन रहा है। मकानों में बिजली पानी सहित अन्य सुविधा पूरी तरह फिट हो चुका है। लंबे समय से आवास की समस्या से जूझ रहे पुलिसकर्मियों को नया व सर्वसुविधायुक्त मकान मिल जाने से उनके चेहरे में रौनक आएगी। वहीं पुलिसकर्मियों को महंगे किराए के मकान से मुक्ति मिल जाएगी। गौरतलब है कि जिले में टीआई, एसआई, एएसआई, प्रधान आरक्षक, आरक्षक समेत तकरीबन 1200 पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। इतने कर्मचारियों में बमुश्किल 200 कर्मचारियों के पास सरकारी आवास की सुविधा है। इतने मकान में 75 फीसदी मकान काफी जर्जर हो चुके हैं। सरकारी आवास के छत से बारिश का पानी टपकता है। कर्मचारी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं।
किस किस को मिलेगा अभी तय नहीं
पुलिसकर्मियों का तबादला साल दो साल में होना तय रहता है। कर्मचारियों के बाल बच्चे पढ़ाई करते रहते हैं। इस कारण उन्हें आवास व परिवार छोडऩा कठिन लगता है। इसके कारण वे आसानी से सरकारी आवास छोडऩे राजी नहीं होते। विभाग में कई शिकायतें रहती है कि कर्मचारियों के एक थाना से दूसरे थाना स्थानांतरित होने के बाद भी आवास में जमे होते हैं। शिकायत के बाद भी इन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती। क्या ऐसे लोगों को आवास से वंचित किया जाएगा या फिर दीगर थानों पर दीगर जिले में पदस्थ कर्मचारियों को आवास सुविधा मिलेगी यह अभी तय नहीं है।
जल संकट का सता रहा डर
पुलिस लाइन में पानी की समस्या है। यही वजह है कि कर्मचारी यहां रहने कोताही बरतते हैं। जांजगीर के आउटर में जनवरी फरवरी माह से ही जलसंकट सताने लगता है। यहां पूरे चार महीने कर्मचारियों को टेंकर के पानी से निस्तारी करना पड़ता है। हालांकि विभाग ने तकरीबन चार बोर की खुदाई करा चुका है। बावजूद जल संकट बरकरार है। यही वजह है कि पुलिस लाइन में रहने कर्मचारी रहने घबराते हैं। अब देखना यह है कि नई कालोनी में पानी की समस्या सुलझती है कि नहीं।
-पुलिस लाइन में 144 नए क्वार्टर बनकर तैयार है। जिसमें 120 सामान्य क्वार्टर हैं वहीं 24 आफिसर्स क्वार्टर्स है। आने वाले दिनों में बहुत जल्द हैंडओवर होगा और कर्मचारियों को अलॉटमेंट किया जाएगा।
– मधुलिका सिंह, एएसपी