उन्होंने कहा,“शिक्षा भविष्य के नेताओं का पोषण करती है। वे महत्वाकांक्षी भारत के प्रतीक हैं, जो एक ज्ञान समाज बनाने और दुनिया में भारत की आर्थिक शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों, शिक्षण समुदाय से राष्ट्र निर्माण के आदर्शों को सुदृढ़ करने और युवाओं को प्रगतिशील भारत के राजदूतों में बदलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा,“हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी शिक्षा प्रणाली संस्कृति और लोकाचार को मजबूत करे और एक मजबूत, समृद्ध और विकसित भारत बनाने के लिए सशक्त हो।”
सिन्हा ने छात्रों को जीवन कौशल पर ध्यान केंद्रित करने, अपनी आंतरिक आवाज खोजने, अपने अनुभवों और सहयोग के माध्यम से सीखने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “अनुशासन, मजबूत चरित्र और चुनौतियों से पार पाने का आत्मविश्वास आपको एक शानदार भविष्य की ओर ले जाएगा।”
उपराज्यपाल ने सैनिक स्कूल को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए यूटी प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने प्रतिष्ठित एनडीए परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सैनिक स्कूल नगरोटा के कैडेटों को भी बधाई दी।
इस अवसर पर सिन्हा ने यूटी प्रशासन द्वारा प्रायोजित 21.38 लाख रुपये की लागत वाली 32 सीटर स्कूल बस सैनिक स्कूल के अधिकारियों को सौंपी।
इससे पहले, उपराज्यपाल ने छात्रों से औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त किया और मेधावी कैडेटों को शैक्षणिक पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने कला और विज्ञान प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और स्कूल की आईटी कंप्यूटर लैब और अटल टिंकरिंग लैब का दौरा किया।
छात्रों ने राष्ट्रीय एकता विषय पर और सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं।
इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल संजीव जैन, जीओसी 16 कोर नगरोटा; मेजर जनरल शैलेन्द्र सिंह, चीफ ऑफ स्टाफ एवं अध्यक्ष स्थानीय प्रशासन बोर्ड; कैप्टन (आईएन) एके देसाई, प्रिंसिपल सैनिक स्कूल नगरोटा; सेना और केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन के अधिकारी; शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक उपस्थित थे।