आतंक के गढ़ से निकल रहे वीर सैनिक उत्तरी कश्मीर के आतंकग्रस्त और अलगाववादियों का गढ़ माने जाने वाले सोपोर में एक ऐसा ही भर्ती अभियान देखा गया जहां क्षेत्र से बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। इस क्षेत्र में सेना में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं के लिए न सिर्फ भर्ती रैलियां आयोजित की गईं, बल्कि उनकी मदद को एक प्री रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग कार्यक्रम भी सेना की ओर से आयोजित किया गया।
युवाओं को किया प्रेरित क्षेत्र में 10 जुलाई तक वट्लब सेक्टर की परिबल टेकरी मिलिटरी गैरीसन द्वारा प्री रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में कश्मीरी युवाओं ने भाग लिया। ट्रेनिंग शुरू करने से पहले सेना की ओर से इसका व्यापक प्रचार किया गया। जिससे ज्यादा से ज्यादा युवा इसमें भाग लें। सेना के एक अधिकारी के अनुसार, ट्रेनिंग में युवकों की कमजोरियों को दूर करने के लिए शारीरिक प्रशिक्षण शामिल था। उन्हें भर्ती रैली के दौरान आवश्यक दस्तावेज के बारे में भी सूचित किया गया। चिकित्सा अधिकारी ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें सलाह देने के उद्देश्य से सभी उम्मीदवारों के लिए चिकित्सा परीक्षा भी आयोजित की।
बड़ी संख्या में आ रहे युवा उत्तरी कश्मीर के पट्टन के हैदरबेग में भी सेना द्वारा आयोजित भर्ती रैली में दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले से 895 उम्मीदवारों ने भाग लिया। उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता, चिकित्सा परीक्षा और प्रलेखन के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना पड़ा। अधिकारी के अनुसार सफल उम्मीदवारों को फिर 28 जुलाई और 25 अगस्त 2019 को एक लिखित परीक्षा में बैठना होगा। प्रशिक्षण के बाद अंतिम रूप से चयनित होने वाले उम्मीदवारों को सेना की विभिन्न सेवाओं में शामिल किया जाएगा।
सेना का जज्बा देख मिला हौसला भर्ती रैली में हिस्सा लेने आए युवाओं ने बताया कि घाटी में सेना का जज्बा देख सेना में भर्ती होने का हौसला मिला। युवाओं ने कहा कि जिस तरह घाटी में बाढ़, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में सेना लोगों की मदद को आगे आती है वह अनुकरणीय है। घाटी में कई जगह सेना को स्थानीय लोगों का विरोध भी झेलना पड़ता है, फिर भी सेना लोगों की मदद से पीछे नहीं हटती है। इंसानियत का यही जज्बा युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित कर रहा है।