हर चुनाव के खिलाफ हुए मुखर
जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय अधिकारी चुनावों में लोगों के शामिल होने को अपने पक्ष में फैसले की तरह दिखा रहे हैं और इस तरह वैश्विक समुदाय को भ्रमित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, तीनो ने कहा कि स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के बाद लोग विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव समेत आने वाले हर चुनावों का बहिष्कार करें। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब कश्मीर में लोगों से चुनाव बहिष्कार करने की अपील की गई है। इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में भी चुनाव बहिष्कार की घोषणा की गई थी।
चुनाव में भाग लेने की अपील कर रहे स्थानीय नेता
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पंचायत चुनाव में मतदान को लेकर खींचतान चल रही है। प्रदेश की राजनीतिक हस्तियां प्रदेशवासियों को इस चुनाव में बढ चढकर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित कर रहे है वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जैसे संगठन चुनाव का बहिष्कार करने की बात कर रहे है। इन बातों से यह जाहिर है कि चुनाव काफी मशक्कत के बाद संपन्न हो पाएंगे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आमजन से मतदान में भाग लेने की अपील की थी। उन्होंने लोगों से चुनाव में भाग लेने की अपील करते हुए कहा था कि अगर आप बेहतर जिन्दगी, अमन और शांति चाहते हो तो वोट डालकर जमीनी स्तर पर ऐसे प्रतिनिधि को चुने जो आपको मुसीबतों से निकाल सके।