इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा हालात का जायजा लिया। साथ ही घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों के बारे में भी जानकारी हासिल की। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सिंह को रक्षा मंत्री का जिम्मा दिया गया है। पिछली सरकार में उन्होंने गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी। रक्षा मंत्री ने लेह में 14 कोर तथा श्रीनगर में 15 कोर का दौरा किया। वे सबसे पहले लद्दाख में थोसे एयरफील्ड पहुंचे। यहां से वे एक ऑपरेशनल बेस पर गए। फिर सियाचिन पहुंचकर सेना के जवानों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने जवानों तथा सेना कमांडरों का हौसला बढ़ाया। राष्ट्रीय राजधानी से बाहर रक्षा बेस पर यह उनकी पहली यात्रा है।
रक्षा मंत्री ने यहां के वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद जवानों से मुलाकात की। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों से सियाचिन की परिस्थिति और रक्षा चुनौतियों के बारे में भी जानकारी ली। माना जा रहा है कि 14 कोर एवं 15 कोर में रक्षा मंत्री को पाकिस्तान के नापाक इरादों से निपटने के लिए की गई तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
14 कोर चीन के साथ लगते एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ लगते एलओसी की जिम्मेदारी संभालता है, जबकि 15 कोर मुख्य रूप से घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों पर नजर रखता है।