बाबा अमरनाथ की यात्रा पहली जुलाई से शुरू हो रही है, जो रक्षाबंधन तक चलेगी। अब तक एक लाख श्रद्धालु इस यात्रा के लिए अग्रिम पंजीकरण करा चुके हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। पुलिस, सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी खुफिया एजेंसियों से लगातार बातचीत कर सुरक्षा कवच तैयार कर रहे हैं।
बताया गया कि यात्रा मार्ग पर जवाहर सुरंग से लेकर पहलगाम और जवाहर सुरंग-अनंतनाग-पांपोर-पंथाचौक-एचएमटी क्रासिंग-गांदरबल-कंगन मार्ग को तीर्थयात्र के मददेनजर अत्यंत संवेदनशील घोषित किया गया है। इस पूरे मार्ग को अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया है। यात्रा मार्ग पर स्थित सभी प्रमुख कस्बों और बाजारों में विशेष चौकियां स्थापित की जा रही हैं। चिन्हित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। ड्रोन निगरानी करेंगे। यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाने की जिम्मेदारी जम्मू से पहलगाम और बालटाल तक सीआरपीएफ के पास रहेगी। इसके आगे यह जिम्मेदारी बीएसएफ और सेना संभालेगी।
यात्रा मार्ग के आसपास के जंगलों और पहाड़ों में छिपे आतंकियों को खदेड़ने के लिए सेना अभियान चलाएगी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर, गांदरबल, बांडीपोरा और रामबन-बनिहाल के बीच सक्रिय रहे पूर्व आतंकियों के अलावा ओवर ग्राउंड वर्करों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) बाबा अमरनाथ यात्र के दौरान यात्र मार्ग पर पडऩे वाले शिविरों और पवित्र गुफा तक श्रद्धालुओं को थ्री जी स्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाएगा। इसके लिए बीएसएनएल अपना ढांचा तैयार कर रहा है। श्रद्धालुओं को प्री लोड सिम कार्ड लखनपुर, भगवती नगर जम्मू, बालटाल, चंदनबाड़ी, कच्ची छावनी कस्टमर सर्विस सेंटर जम्मू और त्रिकुटा नगर कस्टमर सर्विस सेंटर जम्मू में उपलब्ध करवाए जाएंगे।
वर्ष 1990 में राज्य में आतंकी हिंसा शुरू होने के बाद से ही बाबा अमरनाथ यात्रा आतंकियों के निशाने पर रही है। इसकी सुरक्षा हमेशा ही बड़ी चुनौती रही है। आतंकी संगठन हरकत उल अंसार ने 1990 की शुरुआत में इस यात्र का विरोध किया था। हालांकि, वर्ष 1995 के बाद से किसी आतंकी संगठन ने इस यात्रा पर पाबंदी नहीं लगाई, लेकिन श्रद्धालुओं को निशाना बनाने का आतंकी हर मौके का फायदा उठाने की ताक में रहते हैं।