script

वीर दुर्गादास जयंती पर क्षत्रिय समाज ने यह लिया प्रण

locationजालोरPublished: Aug 19, 2019 09:57:25 am

Submitted by:

Khushal Singh Bati

वीर शिरोमणी दुर्गादास राठौड़ की समृति में समारोह, बड़ी संख्या में लोगों ने की शिरकत।

jalore

वीर शिरोमणी दुर्गादास राठौड़ की समृति में समारोह, बड़ी संख्या में लोगों ने की शिरकत।


वीर शिरोमणी दुर्गादास राठौड़ की समृति में समारोह, बड़ी संख्या में लोगों ने की शिरकत।
भीनमाल. श्री क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने कहा कि इतिहास तो प्रेरणा देता है, लेकिन जाग्रत तो हमें होना होगा। वीर शिरोमणी दुर्गादास राठौड़ का जीवन चरित्र प्रेरणादायी है। वे जीवन पर्यन्त स्वामीभक्ति व त्याग की प्रतिमूर्ति थे। उनके त्याग व स्वामीभक्ति को मारवाड़ के साथ पूरा देश याद करता है। वे रविवार को शहर के कचहरी रोड विद्यालय में श्री क्षत्रिय युवक संघ के तत्वावधान में आयोजित वीर शिरोमणी दुर्गादास स्मृति समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंनं कहा कि मनुष्य हित ही सबसे बड़ा है। इसलिए जितना हो सके दूसरों का हित करें। रोलसाहबसर ने कहा कि किसी से प्रेरणा लेकर उसे जीवन में उतारने पर ही सार्थकता होती है। उन्होंने भगवान राम व कृष्ण के उदाहरण देते हुए कहा कि तीन काम करने के लिए भगवान का पृथ्वी पर अवतार होता है। भगवान सज्जन लोगों का दु:ख दूर करने, दुष्कर्मी का नाश करने व धर्म की स्थापना करने के लिए अवतार लेते है। उन्होंने कहा कि जहां नारी का पूजन होता है वहां देवता निवास करते है। लेकिन वर्तमान में समय में नारी शक्ति पर अत्याचार हो रहे है। यह देश के लिए बड़ी विडंबना है। उन्होंने कहा कि देश में सभी ईश्वरीय संतान होने के बाद भी आपस में लड़ रहे है, जिससे संस्कृति का ह्वास हो रहा है। संयमित लोगों के लिए रात भी दिन है। श्री क्षत्रिय युवक संघ युवाओं को सामूहिक संस्कारमयी कर्म प्रणाली द्वारा संयमित जीवन जीने के लिए संस्कार प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वजों ने हमें जो रास्ता प्रशस्त किया उस रास्ते पर चलना ही क्षात्र धर्म है। रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह देवल ने कहा कि वीर योद्धाओं के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वीर दुर्गादास राठौड़ ने अपने जीवन में क्षात्र धर्म का पालन किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. समरजीतसिंह ने कहा कि संघर्षशील जीवन का पर्याय ही दुर्गादास राठौड़ है। सभी का साथ लेकर चलना ही क्षत्रिय धर्म है। उन्होंने कहा कि आज के मोबाइल युग में युवाओं ने किताबों से दूरी बना ली है। किताबों को जितना पढ़ा जाए उससे जीवन संवरता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में युवाओं में सबसे बड़ी जरूरत चरित्र निर्माण की है। प्रधानाचार्य नरेन्द्र आचार्य ने कहा कि दुर्गादास राठौड़ वीर शिरोमणी होने के साथ मारवाड़ रत्न भी है। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज भारतीय इतिहास में अतुल्य योगदान रहा है। समाज को दिशा देने का जो कार्य श्री क्षत्रिय युवक संघ कर रहा है वह सराहनीय है। शेखर व्यास ने कहा कि हर समाज को समय की मांग के अनुसार संगठित होना होगा। क्षत्रिय समाज के पूर्वजों ने निस्वार्थ भाव से देश के लिए बलिदान दिए। एबीवीपी के मोहन देवासी ने कहा कि वीर दुर्गादास राठौड़ पूरे देश का गौरव है। उन्हंोंने कहा कि आज युवा वर्ग हताश हो रहा है, उन्हें दुर्गादास की जीवनी से प्रेरणा लेनी चाहिए। समारोह की प्रेरणा से विद्याभवन विद्यालय के संचालक मोहन बिस्सा ने हर वर्ष 10वीं व 12वीं कक्षा में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के वीर दुर्गादास पुरस्कार देने की घोषणा की। रेवतसिंह पाटोदा ने वीर दुर्गादास राठौड़ के संघर्षशील जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अर्जुनसिंह देलदरी ने तनसिंह द्वारा वीर दुर्गादास राठौड़ पर रचित गीत की प्रस्तुति दी। मंच का संचालन गणपतसिंह भंवरानी ने किया। इस मौके करणवीरसिंह भाद्राजून, बाघसिंह पूनक, मंगलसिंह सिराणा, पालिका उपाध्यक्ष जयरूपाराम माली, नरेन्द्रसिंह भांडु, संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नरेश अग्रवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष हिरालाल बोहरा, श्रवणसिंह राठौड़ दासपां, भाजपा नगराध्यक्ष भरतसिंह भोजाणी, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष संजीव माथुर, कांग्रेस नेता पन्नेसिंह पोषाणा, श्रीराम सेना के प्रदेशाध्यक्ष शैतानसिंह भाटी, देवेन्द्रसिंह जाविया, छगन पुरोहित, छैलसिंह रतनपुर, अनोपसिंह करड़ा, विक्रमसिंह पूनासा, ईश्वरसिंह चांदना, दीपसिंह दूदवा, सतीश दुआ, अशोकसिंह ओपावत, हब्बतसिंह दासपां, मदनसिंह दासपां, सत्यवानसिंह राजपुरोहित व भैरूपालसिंह सहित कई समाजबंधु मौजूद थे।

ट्रेंडिंग वीडियो