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जालोर

बागरा-मालवाड़ा आरओबी के लिए मिट्टी जांच पूरी, 2 साल में पूरे होंगे आरओबी

बजट घोषणा के अनुरूप दोनों आरओबी के लिए वर्कऑर्डर जारी, हाल ही में दोनों आरओबी के लिए सोइल टेस्टिंग पूरी, रिपोर्ट रेलवे को

जालोरNov 26, 2017 / 05:17 pm

Khushal Singh Bati

jalorenews

बजट घोषणा के अनुरूप दोनों आरओबी के लिए वर्कऑर्डर जारी, हाल ही में दोनों आरओबी के लिए सोइल टेस्टिंग पूरी, रिपोर्ट रेलवे को


– ३७.५० करोड़ की लागत से बनेंगे आरओबी
– 24 माह में पूरा करना है काम
– सी-56 और सी-109 पर बनने हैं आरओबी
जालोर. जालोर जिले के दो महत्वपूर्ण रेलवे ओवरब्रिज के लिए रास्ता साफ हो गया है। जिले के बागरा में सी-56 और मालवाड़ा-रानीवाड़ा के बीच सी-109 रेलवे क्रॉसिंग के लिए दो साल पूर्व आरओबी के लिए घोषणा हुई थी, लेकिन काम अटका था। यह दोनों ही काम रेलवे के अंतर्गत ही होने हैं और इसके लिए एजेंसी की ओर से काम शुरू कर दिया गया है। हाल ही में बागरा रेलवे क्रॉसिंग और मालवाड़ा की रेलवे क्रॉसिंग के पास एजेंसी की ओर से मिट्टी की जांच की जा चुकी है। एजेंसी के अनुसार दोनों स्थान पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और यहां आरओबी निर्माण में किसी तरह की दिक्कत नहीं है। इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली गुजरात की एजेंसी ने मिट्टी जांच के बाद रिपोर्ट रेलवे को भेज दी है और वहां से रिपोर्ट की जांच के बाद फाइनल एप्रूवल के बाद यहां पर काम शुरू हो जाएगा। एजेंसी की ओर से मालवाड़ा सी-109 क्रॉसिंग पर प्लांट लगा दिया गया है और जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
1 किमी लंबा होगा आरओबी
प्रोजेक्ट मैनेजर संजय गज्जर ने बताया कि पहले स्तर की रिपोर्ट रेलवे को भेज दी गई है और वह सकारात्मक है। अब केवल रेलवे की ओर से अंतिम स्तर की स्वीकृति जारी होगी। यदि रिपोर्ट में कुछ भी बदलाव या एलाइनमेंट में बदलाव नहीं किया जाता है तो काम भी शुरू हो जाएगा। क्रॉसिंग पर आरओबी की कुल लंबाई 500-500 मीटर दोनों छोर पर होगी।
37.50 करोड़ होंगे खर्च
दोनों आरओबी के लिए पहले स्तर पर सर्वे के साथ मिट्टी जांच हो चुकी है। रेलवे की ओर से अंतिम अनुमति के साथ ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। दोनों आरओबी पर कुल 37.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
2 साल में पूरा करना है काम
आरओबी के लिए धरातल पर काम शुरू होने के साथ इस कार्य को 24 माह में एजेंसी को पूरा करना है। मालवाड़ा में एजेंसी ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर दी है। खास बात यह है कि रेल बजट में कुल तीन आरओबी पर स्वीकृत जारी हुई थी, लेकिन अब तक जालोर के सी-48 पर स्थिति साफ नहीं है, जबकि सी-56 और सी-109 पर वर्कऑर्डर जारी होने के साथ काम शुरू हो होने वाला है।
इसलिए महत्वपूर्ण है आरओबी
वर्ष 2009 में ब्रॉडगेज का काम पूरा होने के साथ ही समदड़ी भीलड़ी रेल खंड में गुड्स टे्रनों की आवाजाही शुरू हुई। शुरुआत में 10 से 12 गुड्स टे्रनों की आवाजाही हो रही थी। जबकि पिछले 9 साल की बात करें तो इस ट्रेक पर गुड्स टे्रनों की आवाजाही 40 से 45 प्रति 24 घंटे में हो चुकी है। ऐसे में औसतन हर एक घंटे में 15 से 20 मिनट तक क्रॉसिंग बंद रहती है। मुख्य मार्गों पर क्रॉसिंग बंद रहने वाहन चालकों और आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित होती है। कई मौकों पर तो इन हालातों के चलते लोगों की जान पर भी बन आती है। इन सभी हालातों को देखते हुए तीन महत्वपूर्ण आरओब ी की स्वीकृति जारी हुई थी।
इनका कहना
जालोर में बागरा सी-56 और मालवाड़ा सी-109 पर आरओबी का निर्माण कार्य होना है। दोनों ही क्रॉसिंग पर आरओबी निर्माण के लिए सोइल टेस्टिंग का काम हो चुका है। इन आरओबी पर 37.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
– गोपाल जोशी, पीआरओ, रेलवे जोधपुर
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