SAWAN KA SOMWAR: श्रावण मास की पूर्णाहुति पर गूंजे सुरेश्वर महादेव के जयकारे
जालोरPublished: Aug 17, 2019 03:52:52 pm
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श्रावण मास की पूर्णाहुति पर गूंजे सुरेश्वर महादेव के जयकारे
श्रावण मास की पूर्णाहुति पर उमड़े श्रद्धालु, पूजा अर्चना, अभिषेक, आरती समेत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान हुए
आहोर. पांडगरा में ऐसराणा पर्वत स्थित सुरेश्वर महादेव मंदिर मेंं गुरुवार को श्रावण मास की पूर्णाहुति पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। ऐसराणा पर्वत दिनभर सुरेश्वर महादेव की जयकारों से गुंजायमान रहा। गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस को लेकर शिव भक्तों ने बिल्ब पत्र, केसरिया व सफेद रंग के पुष्पों से भगवान शिव का तिरंगे की तरह विशेष श्रृंगार कर देश भक्ति के रंग में रंग दिया। इस दौरान भक्तों ने देशभक्ति के नारे भी लगाए। (SAWAN KA SOMWAR)
मंदिर में श्रावण मास की पूर्णाहुति के पर महंत पर्बतगिरी महाराज व संत महावीरगिरी महाराज के सानिध्य में भगवान शिव की विशेष पूजार्चना, अभिषेक, आरती समेत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान श्रद्धा व उल्लास के साथ आयोजित हुए। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भोलेबाबा की भक्ति का लाभ उठाया। मंदिर में आयोजित धर्मसभा में महंत पर्बतगिरी महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव भोलेनाथ है। भोलेनाथ अपने भक्तों के सभी मनोरथ सिद्ध करते है। उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से भगवान शिव की सच्ची भक्ति करने की बात कही। भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार जरुर सुनते है तथा उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते है। संत महावीरगिरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का महीना होता है। श्रावण मास में भक्त भोलेनाथ की भक्ति में लीन हो जाते है। उन्होंने श्रावण मास में शिव भक्ति की महत्ता पर प्रकाश डाला। श्रावण मास की पूर्णाहुति पर गुरुवार सुबह यहां मंदिर में भगवान शिव के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की ओर से भगवान शिव का विशेष अभिषेक व पूजार्चना की गई तथा बिल्ब पत्र, केसरिया व सफेद रंग के पुष्पों से भगवान शिव का विशेष श्रृंगार कर उन्हें भी देश भक्ति के रंग में रंग दिया। इस दौरान शिव भक्तों ने भारत माता के जयकारे लगाए।
इस मौके पर व्यापार संघ आहोर के अध्यक्ष सुजाराम प्रजापत, अशोक चौधरी, लालाराम चौधरी, बाबूलाल चौधरी, रमेश चौधरी, रमेश प्रजापत, प्रवीण प्रजापत, दिनेश प्रजापत, लक्ष्मण प्रजापत, भरत प्रजापत, निकू प्रजापत किशोर माली, कुंदन बोराणा, शोभाराम, भवानीसिंह, हरिशंकर रावल, कैलाश वैष्णव समेत कई श्रद्धालु मौजूद थे।