अंधेरे से लड़ रहे हैं गांव को रोशन करने वाले
समीपवर्ती देलदरी गांव स्थित 33 केवी जीएसएस में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। चारदीवारी के अभाव में पशुओं का जमघट रहता है सो अलग। हल्की सी चूक के कारण बड़ा हादसा हो सकता है।
देलदरी जीएसएस में चारदीवारी के अभाव घूमते रहते हैं पशु
बागरा. रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से दूसरों के घर रोशन करने वाले खुद अंधेरे में रात गुजार रहे हैं। चौंकना लाजिमी पर यह हकीकत है। समीपवर्ती देलदरी गांव स्थित 33 केवी जीएसएस में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। चारदीवारी के अभाव में पशुओं का जमघट रहता है सो अलग। हल्की सी चूक के कारण बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस ग्रिड में सुविधा के नाम पर कुछ नही है। ऐसे में इस ग्रिड में कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस गांव में विद्युत ग्रिड बने काफी समय हो गया, लेकिन न तो कर्मचारियों के रहने के लिए क्वार्टर बने और न ही चारदीवारी। ऐसे में इस ग्रिड में बार बार पशु घुस जाते हंै। कर्मचारियों के लिए ये पशु जी का जंजाल बन गए है। ऐसे में पशुओं के करंट लगने का खतरा बना हुआ है। वही विद्युत तारों में उलझने का अंदेशा बना रहता है। गांव के दौलत सिंह ने बताया कि जीएसएस के चारदीवारी नहीं होने से खतरा बना हुआ है। पशुओं के जमघट से कर्मचारी भी परेशान हैं। डिस्कॉम की ओर से कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे ग्रामीणों में भी रोष व्याप्त है।
पेयजल की सुविधा नहीं
जीएसएस में पेयजल की सुविधा तक नहीं है। यहां पानी की टंकी नहीं होने से कर्मचारियों को पानी के लिए दूर जाना पड़ता है। यहां आने वाले उपभोक्ता भी पेयजल के लिए तरसते हैं।
घास की कुटिया में विश्राम
कर्मचारियों को रहने को क्वार्टर नहीं बने। इससे घास की कुटिया बना कर रहना पड़ता है। वर्षा काल में इन ग्रिड में तैनात कर्मचारियों की हालत खराब हो जाती है। सर्दियों के मौसम में भी कर्मचारियों को काफी दुविधा होती है।
बैठने को कुर्सी तक नहीं
देलदरी के ग्रामीणों ने बताया कि विद्युत विभाग की हालत ये है कि इस ग्रिड में कुर्सी व टेबल तक नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों को जमीन पर बैठ कर ही ड्यूटी करनी पड़ती है। वर्षा के समय जमीन गीली एवं पानी के भराव के समय हालत और खस्ता हो जाती है।
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