scriptअशोक गहलोत ने लगाया जोर… मोदी मैजिक बाकी, इस लोकसभा सीट पर ‘गारंटी’ को ‘रणनीति’ से मिल रही चुनौती | Lok Sabha Election 2024: Jalore-Sirohi seat is stuck in social equation and Modi magic | Patrika News
जालोर

अशोक गहलोत ने लगाया जोर… मोदी मैजिक बाकी, इस लोकसभा सीट पर ‘गारंटी’ को ‘रणनीति’ से मिल रही चुनौती

Lok Sabha Election 2024: स्वर्णगिरी दुर्ग से टकराकर लू के थपेड़े जालोर के सियासी माहौल में गर्माहट घोल रहे हैं। पूर्व गृहमंत्री बूटा सिंह की कर्मस्थली रही जालोर सीट इस बार नए प्रत्याशियों व सामाजिक समीकरणों के बीच फंसी है।

जालोरApr 14, 2024 / 09:45 am

Rakesh Mishra

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अविनाश केवलिया
Lok Sabha Election 2024: स्वर्णगिरी दुर्ग से टकराकर लू के थपेड़े जालोर के सियासी माहौल में गर्माहट घोल रहे हैं। पूर्व गृहमंत्री बूटा सिंह की कर्मस्थली रही जालोर सीट इस बार नए प्रत्याशियों व सामाजिक समीकरणों के बीच फंसी है। भाजपा ने तीन बार के सांसद देवजी पटेल की जगह इस बार लुम्बाराम चौधरी को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत मैदान में हैं। इस हॉट सीट को गहलोत की सक्रियता और रणनीति ने काफी रोचक बना दिया है।
स्थिति जानने के लिए मैं जोधपुर से जालोर की ओर निकला। भाद्राजून के रास्ते जब प्रवेश कर रहे थे तो टूटी सड़क क्षेत्र की बदहाली बयां कर रही थी। यही दर्द यहां बस स्टैंड पर चाय बेचने वाले मुकेश शर्मा ने भी बताई, वे बोले पहले वाले सांसद तो कभी आए नहीं। अब भाजपा और कांग्रेस दोनों सड़क बनाने की गारंटी दे रहे हैं। आहोर के सांवलाराम व सोमाराम इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या जवाई बांध पुनर्भरण और औद्योगिक विकास नहीं होना बताते हैं। यहां से आगे जब जालोर की ओर बढ़े तो अधूरा ओवरब्रिज कई सवाल खड़े करता है। कलक्ट्रेट परिसर के सामने चुनावी चर्चा करते हुए गणेशाराम, जगदीश गिरी, महमूद खां, गुलाबचंद्र जैन कहते हैं, इस बार गहलोतजी काफी जोर लगा रहे हैं, लेकिन मोदी मैजिक अभी बाकी है।
अदालत परिसर में अधिवक्ता अश्विनी राजपुरोहित व केशव व्यास ने बताया कि कांग्रेस का प्रचार भले ही आक्रामक है, लेकिन मोदी की एक सभा होगी और हालात बदल सकते हैं। भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का आभास था इसलिए इस बार टिकट भी बदल दिया। यहां से आगे बढ़े तो भीनमाल विधानसभा क्षेत्र के रामसीन में मिले दीक्षित नागर, छगनलाल और तगाराम बताते हैं, यहां का सबसे बड़ा मुद्दा तो पानी ही है। जालोर के बागरा में मिले भगवान सिंह ने बताया कि पहली बार कांग्रेस का आक्रामक प्रचार देख रहे हैं। खुद पूर्व सीएम गहलोत फील्ड में है। वैभव की पत्नी हिमांशी महिलाओं की टीम के साथ निकल रही हैं। उनकी मां सुनीता गहलोत भी पहली बार अपने बेटे के लिए बैठकों में पहुंच रहीं हैं। आकाश सोलंकी ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी लुम्बाराम के साथ जोगेश्वर गर्ग और संगठन की पूरी टीम लगी हुई है। हालांकि पूर्व सांसद देवजी पटेल की मौजूदगी नहीं होना भी चर्चा में है।
सिरोही का मौसम और माहौल दोनों ठंडे
इसी लोकसभा का दूसरा जिला सिरोही है। यहां प्रवेश करते ही मौसम भी ठंडा, सड़कें उम्दा और सरगर्मियां धीमी नजर आईं। गोयली चौराहे पर मिले खुशाल सिंह व अजीत सिंह बताते हैं हमें रोजगार, चिकित्सा जैसी सुविधाओं के लिए गुजरात का रुख करना पड़ता है। शिवगंज की सब्जी मंडी में छोटू सिंह ने कहा हमारा जिला तो देवनगरी है, लेकिन टूरिज्म और धार्मिक सर्किट को जोड़ना आज भी अधूरा है।

एससी-माली सधे तो बेड़ा पार
जालोर का सियासी समीकरण बड़ी संख्या में एससी वर्ग और माली जाति के आस-पास मंडरा रहा है। इसके अलावा राजपूत, आदिवासी और चौधरी, पटेल भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
यह है प्रमुख मुद्दे
– जवाई बांध पुनर्भरण वादा अधूरा
– नर्मदा का पानी आधे क्षेत्र में नहीं पहुंचा
– भीनमाल व जालोर में माही के पानी की मांग
– रेलवे व ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी नहीं
– नए उद्योग नहीं, खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की मांग
– पलायन की मजबूरी
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