रोक के बावजूद यहां निर्माण के लिए आखिर कहां से आ रही बजरी
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रोक के बावजूद यहां निर्माण के लिए आखिर कहां से आ रही बजरी
सांचौर. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद से प्रदेश में बजरी खनन बंद है, लेकिन न्यायालय के आदेशों की पालना कराने में खान विभाग और स्थानीय प्रशासन कितना मुस्तैद है इसका ताजा उदाहरण क्षेत्र के बिजरोल खेड़ा में ग्राम पंचायत में सीसी सड़क के निर्माण कार्य के तहत देखा जा सकता है। यहां पंचायत व ठेकेदार की मिलीभगत से खुलेआम चोरी की बजरी से निर्माण कार्य किया जा रहा है। बिजरोल में खेतेश्वर मंदिर के पास सीसी सड़क के कार्य को लेकर बजरी के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं। इतना ही नहीं यह केवल नमूना भर है। क्षेत्र में ग्राम पंचायतों की ओर से खुले आम चोरी की बजरी से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। प्रशासनिक अनदेखी से बिल्डर्स, ठेकेदार और कुछ धनाढ्य वर्ग के लोग यहां बेरोकटोक निर्माण करवा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने करीब ढाई वर्ष पूर्व प्रदेश में बजरी खनन, परिवहन, निर्गमन और इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। इसके बाद लीजधारकों ने तो बजरी खनन बंद कर दिया, लेकिन खान विभाग और स्थानीय प्रशासन की शह पर बजरी माफिया चांदी काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर एसआईटी गठित करने के भी आदेश भी दिए थे। जिसमें खान, वन, परिवहन, राजस्व व पुलिस विभाग की संयुक्त टीमें गठित कर अवैध बजरी पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इस आदेश में साफ था कि बजरी के स्टॉक जब्त किए जाएं और संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, लेकिन एसआईटी और खान विभाग की टीमें क्षेत्र में महज औपचारिता ही निभाती नजर आ रही है।
ऊंचे दामों पर चोरी की बजरी का खेल
क्षेत्र में बजरी चोरी की बात करें तो यहां जगह-जगह हजारों टन बजरी के ढेर लगे हैं। रात के अंधेरे में अवैध बजरी सप्लाई का खुला खेल चलता है। एक तरफ प्रशासन नींद में सोया रहता है, वहीं दूसरी ओर महंगे दामों पर माफिया बजरी के काले कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं।
पंचायत की दोगली नीति
क्षेत्र में अवैध बजरी से चोरी का खेल लंबे समय से चल रहा है। जिसको लेकर प्रशासन भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं दूसरी ओर सिवाड़ा ग्राम पंचायत ने दो दिन पूर्व अवैध रूप से चोरी के बजरी के ढेर जब्त कर कार्रवाई की थी, वहीं चेारी की बजरी से निर्माण करने पर प्रकरण भी दर्ज करवाया था, लेकिन बजरी माफिया की दंबगता की बदौलत पुलिस भी कार्रवाई करने में पीछे हट रही है।
कार्रवाई नहीं, एस्कोर्टिंग कर रही पुलिस
क्षेत्र में अवैध बजरी का कारोबार अब बड़े स्तर पर पांव पसार रहा है। इस कारोबार में लिप्त माफिया अब अवैध शराब व डोडा तस्करी के साथ-साथ अवैध बजरी चोरी की वारदात में शामिल हो गए हैं। इन लोगों पर खनिज विभाग के अधिकारी भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। कई बार तो अवैध बजरी से भरे डंपर पार करवाने के लिए कुछ पुलिसकर्मी भी इन माफियाओं के साथ मिलकर बजरी खनन को अंजाम दिलाने से लेकर बजरी से भरे वाहन सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए एस्कोर्टिंग तक कर रहे हैं।
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