जंजीरों में बंधा है हड़मतसिंह, आर्थिक तंगी के चलते नहीं करवा सका इलाज
जालोरPublished: Sep 24, 2018 10:48:39 am
नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का फायदा…
नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का फायदा…
मोरसीम (बागोड़ा). उपखंड क्षेत्र के देवदा का गोलियां गांव में गत आर्थिक तंगी के चलते मानसिक विमंदित ५५ वर्षीय एक वृद्ध का उपचार नहीं हो पा रहा है।
मोरसीम ग्राम पंचायत के देवदा का गोलियां गांव से दो किलोमीटर दूर लुणवा ग्रेवल सड़क मार्ग पर राठौड़ों की ढाणी निवासी ५५ वर्षीय हड़मतसिंह पुत्र चैनसिंह राजपूत जंजीरों से जकड़े है। वे करीब नौ-दस साल से खुले आसमान तले एक खूंटे से जंजीर मे बंधे है। किसी भी मौसम में उनका आसरा इस पेड़ के नीचे ही रहता है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से वे अपना उपचार नहीं करवा पा रहे है।
इनके इलाज के लिए प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक कोई भी आगे नहीं आ रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य विभाग की कल्याणकारी योजनाओं का हड़मतसिंह के परिवार को फायदा नहीं मिल पा रहा है।
मुम्बई में करता था नौकरी
परिवार के किशोरसिंह ने बताया कि पन्द्रह साल पहले हड़मतसिह मुंबई मे नौकरी करता था। जिससे उसके परिवार का गुजारा आसानी से हो जाता था। लेकिन उसके बाद उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहने लगी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद जोधपुर मथुरादास माथुर अस्पताल में तीन-चार बार इलाज भी करवाया। जिससे उसका दिमागी संतुलन ठीक भी हुआ था, लेकिन अब आर्थिक हालात ऐसे है, कि वे उसका उपचार नहीं करवा पाए।
पेड़ के नीचे बसेरा
खुले आसमान के तले एक कपड़े में लिपटे बदन के साथ मिट्टी से सने शरीर में हड़मतसिंह बंधा रहता है। उसके भाई ने बताया कि कुछ ही वर्ष पहले एक पुत्री की शादी कर उसे ससुराल विदा कर दिया। अब परिवार में उसका भाई मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के कारण जंजीरों से बंधा है और भाभी गृहस्थी संभाल रही है। आर्थिक स्थिति के चलते घर खचज़् चलाना तक मुश्किल हो गया है। ऐसे में इलाज भी करवाए तो करवाए कैसे।
नहीं मिली सरकारी इमदाद
परिवार के लोगों ने बताया कि सरकारी इमदाद के नाम पर नौ साल में किसी प्रशासनिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने सुध नहीं ली। जिस पर आर्थिक स्थिति डावांडोल होने के बावजूद आज तक बीपीएल में भी परिवार को शामिल नहीं किया गया। यह परिवार सरकार की सुविधाओं से भी वंचित है।
इनका कहना…
& हड़मतसिंह की आर्थिक के कारण परिवार के लिए पीएम आवास योजना के तहत सहायता स्वीकृति सूची भेजी थी। वरीयता के आधार पर चयन हो गया है। जल्द सहायता राशि मुहैया करवाएंगे।
-सुबादेवी मेघवाल, सरपंच, मोरसीम