एक ऐसा शिक्षक जो खुद को मिली पुरस्कार की राशि बच्चों में बांट रहा हैं
जालोरPublished: Sep 05, 2019 11:09:15 am
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नैनसिंह राजपुरोहित @ जालोर. कई लोग अपनी सफलता पर मिलने वाली पुरस्कार राशि को लेकर फूले नहीं समाते है। इन में से अधिकांश लोग पुरस्कार की राशि खुद पर ही खर्च करते है। लेकिन कुछ बिरले भी होते है, जो यह राशि दूसरों में बांटकर एक अनुकरणीय पहल करते है।
ऐसे ही एक शिक्षक है, जो अपने पुरस्कार में मिली राशि से प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत कर रहे है। जालोर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रेवत में व्याख्याता के पद पर कार्यरत संदीप जोशी एक ऐसे ही शिक्षक है, जो पुरस्कार की राशि अपनी कर्मस्थली रहे विद्यालयों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में बांट रहे है।
गत वर्ष 30 सितम्बर को अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में जालोर के शिक्षक संदीप जोशी को उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू में यशवंतराव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया था। इस सम्मान के तहत इन्हें एक लाख रुपए की नकद राशि प्रदान की गई थी। पुरस्कार के बाद जोशी ने यह राशि ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए खर्च करने निर्णय लिया। इसके तहत इन्होंने पूर्व में जिस-जिस विद्यालय में काम किया, वहां के संस्था प्रधानों को चिट्टी लिखकर अपने निर्णय व प्रतिभा प्रोत्साहन योजना के बारे में उन्हें अवगत करवाया। शिक्षक जोशी ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के साथ ही बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने खुद के पुरस्कार में मिली रािश को बच्चों को बांटने का मानस बनाया। इससे बच्चों को प्रोत्साहन मिलेगा।
हर स्कूल से चार-चार का चयन
जोशी ने बताया कि पुरस्कार के रूप में मिली राशि को वे बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले वाले विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए खर्च करेेंगे।
इसके तहत जोशी ने जिन-जिन विद्यालयों में अपनी सेवाएं दी है। वहां पर कक्षा दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले एक छात्र और एक छात्रा को बतौर पुरस्कार स्वरूप ग्यारह सौ रुपए नकद व प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। इसके तहत इस बार 13, 14 व 15 अगस्त को इन्होंने गोदन, रेवत व सामतीपुरा में इस प्रकल्प के तहत चयनित विद्यार्थियों को पुरस्कार राशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
इसके तहत रेवत विद्यालय से कक्षा में 12 में संगीता कंवर व भारता राम देवासी और दवीं में श्रवण सिंह व नीतू कुमारी को, सामतीपुरा में कक्षा बारह में विमला कुमारी एवं जेताराम और दसवीं में प्रवीण कुमार और कोमल कंवर को पुरस्कृत किया। इसी तरह गोदन विद्यालय में कक्षा 12 के सुभाष वैष्णव व विजयश्री और कक्षा दसवीं के प्रवीण कुमार एवं साक्षी कुमारी को पुरस्कृत किया।
अनुकरणीय पहल
खुद को पुरस्कार के रूप में मिलने वाली राशि को खुद पर खर्च नहीं करके बच्चों के लिए खर्च करना अच्छी बात है। इस से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी। शिक्षक का अपनी पुरस्कार राशि से प्रतिभाओं को पुरस्कृत करने का कार्य अनुकरणीय है।
-संतोषकुमार दवे, ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी जालोर