ये है बिना डॉक्टर का अस्पताल
जालोरPublished: Sep 14, 2019 11:07:03 am
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उम्मेदाबाद(जालोर).उम्मेदाबाद व आलासन कस्बे के आयुर्वेदिक अस्पताल में राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से लंबे समय से ताले लटक रहे हैं। कस्बे में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सक अमर सिंह कविया का स्थानांतरण हो गया व 27 अगस्त को रिलीव होने के बाद इस चिकित्सालय में अन्य स्टाफ के पद रिक्त होने की वजह से चिकित्सालय के ही ताले लटक रहे हैं। जिससे आयुर्वेद औषधि लेने वाले मरीजों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है।वहीं सेवानिवृत्त पेंशन धारियों को नजदीक में कोई आयुर्वेद चिकित्सक नहीं होने की वजह से कस्बे से 30 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पर जाना पड़ता है, जिससे वृद्ध जनों के साथ आम मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल आलासन कस्बे के हैं।वहां पर कई समय से एक कंपाउंडर के भरोसे आयुर्वेद चिकित्सालय चल रहा था, मगर 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति हो गई तो व्यवस्था के तौर पर सायला के आयुर्वेद चिकित्सक मितुल मंडा कि सप्ताह में 2 दिनों के लिए प्रतिनियुक्ति की गई थी, मगर राज्य सरकार द्वारा प्रति नियुक्तियां रद्द करने के आदेश के बाद चिकित्सालय के ताले लटक रहे हैं, जिससे आम मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है एवं आलासन में पीएचसी सेंटर भी नहीं है जिससे पूरे कस्बे वासी केवल एक एएनएम के भरोसे चिकित्सा का लाभ ले रहे हैं।
इनका कहना
उम्मेदाबाद में आयुर्वेद चिकित्सक का स्थानांतरण एवं आलासन में राज्य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश की वजह से ऐसी स्थिति बनी है।राज्य सरकार द्वारा प्रति नियुक्तियां करने के आदेश मिलेंगे तो व्यवस्था के तौर पर कोई आयुर्वेद चिकित्सक या कंपाउंडर लगाकर चिकित्सा सेवा पुन: बहाल करेंगे।
-डॉ. अनिल शर्मा, उपनिदेशक, आयुर्वेद विभाग, जालौर