एसआईटी ने शासन को भेज दी जांच रिपोर्ट
एसआईटी की जांच में एक चौंका देने वाली बात भी सामने आई है जो इस प्रकार है कि परीक्षा केंद्रों, परीक्षकों व ड्यूटी में तैनात अन्य लोगों को भुगतान भी नहीं किया गया, जबकि इन्हें भुगतान के लिए शासन से पैसा आया था। इस भ्रती में अफसरों के खिलाफ एफआईआर व विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के अनुमोदन के बाद अफसरों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट के निर्देश पर शुरू हुई जांच की रिपोर्ट भी एसआईटी ने शासन को भेज दी गई है।
कॉपियां जंचवाने में भी बरतीं गई अनियमितताएं
एसआईटी जांच में बताया गया है कि पशुधन निदेशालय ने लिखित परीक्षा की कॉपियां जंचवाने में भी कई प्रकार की अनियमितता बरतीं हैं। रायबरेली के फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी को कॉपियां चेक करने की जिम्मेदारी दी गई थी। यहां के निदेशक डॉ. आरपी शर्मा ने कॉपियां चेक होने के बाद बिना हस्ताक्षर और पदनाम लिखे ही परिणाम घोषित कर दिया जो कि नियमों के बिल्कुल खिलाफ है। इससे पहले भी पशुधन निदेशक रुद्र प्रताप ने कॉपियां चेक करने का जिम्मा शकुंतला विवि को दिया था, जो कि मानकों पर खरा नहीं था।
ये हैं कुछ जरूरी बातें
– 34 अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट रिट में दाखिल की।
– 20 दिसंबर-17 को कोर्ट ने एसआईटी जांच के आदेश दिए
– 1,198 पदों पर साल 2014 में पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्तियां निकाली गईं
– 1,005 अभ्यर्थियों को चयन के बाद ट्रेनिंग दी गई और जॉइन करवा दिया गया