पंजाब के फगवाडा में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के परिसर में चल रही इंडियन साइंस कांग्रेस के तहत लगी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की प्रदर्शनी में वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिए गेंहू की देर से बुआई वाली किस्म डीबी डब्ल्यू-173 तैयार की गई है। इसी तरह उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए 120 दिन तैयार होने वाली गेंहू की किस्म डीबी डब्ल्यू 187 तैयार की गई है। परिषद ने इन दोनों किस्मों को हाल में जारी किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन किस्मों से उन किसानों को राहत मिलेगी जिनके खेत देर से खाली होते है।
उत्तरपश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में कोटा और उदयपुर को छोडकर राजस्थान,पंजाब,हरियाणा,दिल्ली,पश्चिमी उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड का तराई क्षेत्र,जम्मू व कठुआ क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश के उना एवं पांवटा घाटी आते है। उत्तरपूर्वी मैदानी क्षेत्र में पूर्वी उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड,उडीसा,पश्चिम बंगाल का मैदानी क्षेत्र,असम व उत्तरपूर्वी राज्यों के मैदानी क्षेत्र आते है। इन किस्मों की उत्पादन क्षमता प्रति हैक्टेयर 57 क्विंटल है। औसत उत्पादन 47.2 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होता है।