इस घटना के बाद जिलेभर में सनसनी फैल गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस ब्लाइंड मर्डर केस को 48 घंटे में सुलझा दिया तथा मृतक की पत्नी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
यह था मामला ( husband murder ) पुलिस उपाधीक्षक मोटाराम चौधरी ने बताया कि 15 अगस्त गुरुवार को सुबह सूचना मिली कि ओढ़ाणिया-चांदनी सड़क किनारे एक व्यक्ति का शव पड़ा है। जिस पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। शव की शिनाख्त ओढ़ाणिया निवासी खेताराम पुत्र भंवरुराम मेघवाल के रूप में की गई। खेताराम की पत्नी रूपादेवी ने पुलिस को रिपोर्ट पेश कर बताया कि 14 अगस्त बुधवार रात उसके पति खेताराम को अज्ञात लोगों ने एक दुकान से उठाकर ओरण में ले जाकर उसकी हत्या कर दी तथा शव चांदनी मार्ग के किनारे पटक दिया। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
अलग-अलग टीमों का किया गठन घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक डॉ.किरण कंग के आदेशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयनारायण मीना, वृताधिकारी मोटाराम चौधरी के निर्देशन में अलग-अलग टीमों ( jaisalmer police ) का गठन किया गया।
पत्नी ने दी अपने पति को मारने की सुपारी सभी टीमों ने अलग-अलग क्षेत्रोंं में आरोपियों की तलाश शुरू की। अनुसंधान के दौरान मृतक की पत्नी की गतिविधि संदिग्ध व उसकी वारदात में संलिप्तता का अंदेशा होने पर शनिवार को उससे गहन अनुसंधान से पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि वह अपने पति से परेशान थी तथा उसने गांव के मदन पुत्र लालाराम मेघवाल को अपने पति की हत्या करने के लिए एक लाख रूपए की सुपारी दी व 20 हजार रुपए अग्रिम दिए।
फरार आरोपी मोटू की तलाश शुरू पुलिस ने मदनलाल को दस्तयाब कर उससे पूछताछ की, तो उसने अपने दो अन्य साथी सनावड़ा निवासी हेमाराम पुत्र पोकरराम एवं मोटू पुत्र गुमानाराम मेघवाल के साथ मिलकर 14 व 15 अगस्त की रात्रि में हत्या कर शव को चांदनी जाने वाले सड़क मार्ग पर डालने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने मृतक की पत्नी षड्यंत्रकर्ता रूपादेवी, मदन व उसके साथ हेमाराम को गिरफ्तार किया। जबकि फरार आरोपी मोटू की तलाश शुरू की।
ऐसे की निर्मम हत्या मृतक खेताराम की पत्नी तथा हत्या के आरोपी मदन व हेमाराम ने बताया कि करीब नौ-दस माह पूर्व खेताराम ने मदन पर पुलिस केस किया था और मदन को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिससे मदन व खेताराम के बीच आपसी रंजिश चल ही रही थी। मृतक की पत्नी ने बताया कि उसका पति शराब का आदी था तथा शराब पीकर घर पर झगड़ा व मारपीट करता था। वह आंगनबाड़ी में कार्य करती है। उसका पति उसे कुछ भी नहीं देता था। जिस पर उसने मदन को कहा कि उसके पति को ठिकाने लगाना है।
जिस पर मदन अपने दोस्त हेमाराम को फोन पर खेताराम को मारने की बात बताई व हेमाराम ने हत्या करने के लिए एक लाख रुपए लेना बताया। वे दोनों मोटूराम के साथ 14 व 15 अगस्त की रात को एक मोटरसाइकिल लेकर ओढ़ाणिया आए तथा तीनों ने मिलकर एक दुकान के पास सो रहे खेताराम को उठाकर ले गए और पत्थरों से मारकर खेताराम की हत्या कर दी।