नजर चूकी और धड़ाम: नाला है खुला, लेकिन नहीं खुल रही जिम्मेदारों की आंखे
जैसलमेर के सबसे सघन आबादी वाले क्षेत्र गांधी कॉलोनी से रीको कॉलोनी मार्ग के किनारे आइटीआइ संस्थान के आगे गंदे पानी के खुले नाले ने आसपास रहने वालों का चैन से जीना दूभर कर दिया है। नाले में हर समय गंदगी का साम्राज्य बना रहता है और सडक़ से एक दम लगते नाले में आए दिन गोवंश व अन्य पशु गिर कर हादसों का शिकार बनते हैं। नाले में प्लास्टिक की हजारों बोतलों सहित अन्य अपशिष्ट इतनी बड़ी मात्रा में जमा है, जिससे चारों तरफ मच्छरों व दुर्गंध का वातावरण बन गया है। इसके पास ही शिव मंदिर अवस्थित है।
जैसलमेर के सबसे सघन आबादी वाले क्षेत्र गांधी कॉलोनी से रीको कॉलोनी मार्ग के किनारे आइटीआइ संस्थान के आगे गंदे पानी के खुले नाले ने आसपास रहने वालों का चैन से जीना दूभर कर दिया है। नाले में हर समय गंदगी का साम्राज्य बना रहता है और सडक़ से एक दम लगते नाले में आए दिन गोवंश व अन्य पशु गिर कर हादसों का शिकार बनते हैं। नाले में प्लास्टिक की हजारों बोतलों सहित अन्य अपशिष्ट इतनी बड़ी मात्रा में जमा है, जिससे चारों तरफ मच्छरों व दुर्गंध का वातावरण बन गया है। इसके पास ही शिव मंदिर अवस्थित है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का दो मिनट पूजा-अर्चना करना भी मुश्किल हो जाता है। दूसरी ओर इससे सटा हुआ आइटीआइ परिसर है। जहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं से लेकर कार्यरत कार्मिकों व आवासीय परिसर में रहने वाले उनके परिवारजनों को तो हर समय इस नाले की वजह से नारकीय दृश्यों से दो-चार होने की मजबूरी बनी हुई है। नगरपरिषद के पार्षदों सहित परिषद के जिम्मेदारों को इस समस्या से कई बार लोगों ने अवगत करवाया है। इसके बावजूद उन्हें समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है।छोटे गोवंश की जान सांसत मेंनाले में आए दिन गोवंश के गिरने की घटनाएं घटित होती हैं। विशेष तौर पर छोटे बछड़े-बछडिय़ों के लिए तो यह नाला जान का जोखिम बन गया है। वे इसमें गिर कर लहूलुहान हो जाते हैं। हाल में ऐसे कई मामलों में आसपास के जागरुक लोगों ने उन्हें समय रहते बाहर निकलवाया, अन्यथा उनकी मौत हो सकती थी। स्थानीय बाशिंदों ने नाले के पुनर्निर्माण और उस पर कवरिंग करवाने की मांग नगरपरिषद प्रशासन से की है।
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