जैसलमेर क्षेत्र में गत एक माह से टिड्डी दल का प्रकोप देखने को मिल रहा है। क्षेत्र में किसानों की खेतों में खड़ी फसलें चौपट हो रही है। वहीं हरी घास, झाडिय़ा व पेड़ पौधों को भी टिड्डी दल द्वारा नष्ट किया जा रहा है। किसानों व ग्रामीणों की ओर से टिड्डी नियंत्रण कक्ष में सूचना देने के बावजूद समय पर गाड़ियां नहीं पहुंच पा रही है। कई स्थानों पर तो सूचना देने के बाजवूद गाड़ियां कीटनाशक का छिडक़ाव करने के लिए नहीं पहुंच पा रही है। नहरी क्षेत्र में टिड्डी दलों ने सितम ढा दिया है।
गत एक सप्ताह से आसमान में टिड्डी दलों की आवाजाही देखने को मिल रही है। सोमवार को मोहनगढ़ के आसमान में घंटों तक टिड्डी दल उड़ता रहा। रात्रि में मोहनगढ़ व आस पास के क्षेत्रों में डेरा डाला, वहां फसलों, पेड़ पौधों, घास, झाडिय़ों आदि का सफाया कर दिया। आरसीपी कॉलोनी में टिड्डी नियंत्रण कक्ष भी स्थापित है। यहां के स्थानीय निवासियों के अवगत करवाने के बावजूद कीटनाशक का छिडक़ाव नहीं किया गया। आरसीपी कॉलोनी में टिड्डी दलों ने वनस्पति को काफी नुकसान पहुंचाया।
चंबल और बनास नदी में उफान, खेतों में घुसा पानी
वहीं, चंबल व बनास में बढ़ते पानी से किसानों की चिंता बढ़ गई है। नदियों का पानी खेतों और गांवों में घुस गया है। इससे फसलें जलमग्न होकर गल गई हैं। चम्बल पाली ब्रिज व बनास के किनारे खेतों में फसले पानी में डूब गई है। इससे किसानों को सोयाबीन, उड़द, मूंग, बाजरा, तिल व सब्जियों आदि फसलों में 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
बारिश व पानी के बहाव में फसले चौपट हो गईं, लेकिन अभी तक गिरदावर-पटवारी व कृषि अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच रहे हैं, जबकि किसान संघ ने कई बार जिला कलक्टर को अवगत कराया है। ऐसे में फसलें इन दिनों गीली होकर सड़ गई हैं। इसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट
टिड्डी दल द्वारा फसलें चट और बारिश से जलमग्न हुई फसलों के खराब होने के बाद किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है। सरकार, मंत्री, प्रशासन के सुध नहीं लेने के बाद अन्नदाताओं को अब चिंता सताने लगी है।