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जैसलमेर

शहर के 7 मतदान केन्द्रों पर गत चुनावों में 60 फीसदी से कम रहा मतदान

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के अंतर्गत जिले में आगामी 26 अप्रेल को जैसलमेर और पोकरण विधानसभा क्षेत्रों में भी मतदान होना है। ये दोनों क्षेत्र क्रमश: बाड़मेर और जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और इस चुनाव में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन की चुनावी मशीनरी से लेकर राजनीातिक पार्टियां चिंतित नजर आ रहे हैं। विशेषकर इन चुनावों के पहले चरण में गत 19 अप्रेल को प्रदेश के 12 लोकसभा क्षेत्रों में 2019 के मुकाबले गिरे मतदान प्रतिशत ने उनकी चिंता में इजाफा किया है। गौरतलब है कि प्रदेश के 12 लोकसभा क्षेत्रों में गत चुनावों की तुलना में 4 से लेकर 10 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है।

जैसलमेरApr 23, 2024 / 08:39 pm

Deepak Vyas

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के अंतर्गत जिले में आगामी 26 अप्रेल को जैसलमेर और पोकरण विधानसभा क्षेत्रों में भी मतदान होना है। ये दोनों क्षेत्र क्रमश: बाड़मेर और जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और इस चुनाव में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन की चुनावी मशीनरी से लेकर राजनीातिक पार्टियां चिंतित नजर आ रहे हैं। विशेषकर इन चुनावों के पहले चरण में गत 19 अप्रेल को प्रदेश के 12 लोकसभा क्षेत्रों में 2019 के मुकाबले गिरे मतदान प्रतिशत ने उनकी चिंता में इजाफा किया है। गौरतलब है कि प्रदेश के 12 लोकसभा क्षेत्रों में गत चुनावों की तुलना में 4 से लेकर 10 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। दूसरी तरफ गर्मी का असर भी जिले में तेज हो रहा है। ऐसे में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने की चुनौती और कड़ी रहने वाली है। निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से स्वीप कार्यक्रम के तहत जन जागरण के प्रयास लगातार ढंग से किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत कभी रंगोली सजा कर तो कभी ट्राई साइकिल रैली व अन्य आयोजनों से मतदाताओं को प्रेरित करने का प्रयास किया जा रहा है।

शहर में मतदान बढ़ाने की चुनौती

विशालकाय सीमांत जिले में तेज गर्मी में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के प्रयासों के बीच जिला मुख्यालय जैसलमेर के 7 ऐसे मतदान केंद्रों पर प्रशासन की तरफ से फोकस किया जा रहा है, जहां गत वर्ष नवम्बर माह में हुए विधानसभा चुनावों और उससे पहले साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60 प्रतिशत से भी कम मतदान हुआ था। माना जा रहा है कि जब विधानसभा चुनावों में कई केंद्रों पर शहरी मतदाताओं की मतदान के प्रति कम दिलचस्पी रही थी तो लोकसभा चुनाव में यह ऐसा ही अथवा इससे भी कम हो सकता है। रही सही कसर प्रदेश की 12 सीटों पर पहले चरण में हुए मतदान के तुलनात्मक रूप से कम हुए आंकड़ों ने पूरी कर दी है। प्रशासन ने इन मतदान केंद्रों के बीएलओ के साथ बैठक कर जरूरी उपायों पर विचार विमर्श किया है। गौरतलब है कि गत दिनों जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) प्रताप सिंह ने जैसलमेर के प्रमुख व्यवसायियों, व्यापारिक संगठनों आदि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। जिसमें उनसे मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयासों में सहयोग देने का अनुरोध किया गया था। गर्मी के मौसम के मद्देनजर राजनीतिक दलों व प्रशासन का जोर मतदान प्रक्रिया के शुरुआती 3 घंटों प्रात: 7 से 10 बजे तक की अवधि में ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदाताओं से वोटिंग करवाने पर है ताकि धूप में ज्यादा लम्बी कतारें नहीं लगे और वोटिंग प्रतिशत भी सुधर जाए।

यह किए जा रहे प्रयास

60 प्रतिशत से कम मतदान आंकड़े वाले मतदान केंद्रों के मतदाताओं का वाट्सएप ग्रुप बनाकर उस ग्रुप के जरिए मतदाताओं को मतदान दिवस पर प्रति घंटे में मतदान के लिए लगी कतार व गति आदि से अपडेट किया जाएगा- मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र पर चुनाव आयोग के निर्देशानुसार प्रदत्त की जा रही सुविधाओं यथा छाया, पानी, रैम्प, वृद्धजनों एवं दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त कक्ष इत्यादि से अवगत करवाया जाना है।
– क्षेत्र के पहले 25 नव मतदाताओं को मतदान करने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।- जिन परिवारों में शादी समारोह हैं, उनके सदस्यों को बिना कतार में लगे मतदान करने की सुविधा दी जानी है।
– मतदान केन्द्र के बूथ अवेयरनेस समूह के सदस्यों को सक्रिय करते हुए सभी मतदाताओं से प्रात: 7 से 10 बजे के हैप्पी हॉवर्स में ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने के प्रयास किए जाएंगे।
– राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता घर-घर सम्पर्क करने में जुटे हैं और मतदाताओं से आगामी 26 तारीख को उपयुक्त समय में अपने मतदान केंद्र पर पहुंच कर अवश्य मतदान करने की अपील कर रहे हैं।

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