राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही सरकार ने नगरीय निकायों के मुखिया के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव करवाने का निर्णय लिया था। जिसे पिछले दिनों स्वयं सरकार ने बदलते हुए पार्षदों के जरिए मेयर, सभापति, अध्यक्ष के चुनाव की पुरानी पद्धति को ही लागू कर दिया। इसके बाद से जैसलमेर में सभापति पद के लिए लॉटरी का इंतजार हर कोई कर रहा था। रविवार सुबह से इसे लेकर चर्चाओं का दौर राजनीतिक हलकों में तेज हो गया। देर शाम जैसे ही मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को सभापति पद के अनारक्षित यानी सामान्य होने की जानकारी मिली, इन चर्चाओं में और तेजी आ गई।
जैसलमेर में स्वतंत्रता के बाद नगरपालिका की स्थापना की गई थी। जिसका मुखिया अध्यक्ष होता और वर्ष 2013 में इसे क्रमोन्नत कर नगरपरिषद कर दिया गया। जिसका अगुआ सभापति होता है। एक नजर अब तक के अध्यक्ष व सभापतियों पर –
नाम पद अवधि
कन्हैयालाल बल्लाणी अध्यक्ष 30.6.1954 – 20.2.1958
सत्यदेव व्यास अध्यक्ष 21.2.1958-
31.12.58
कन्हैयालाल बल्लाणी अध्यक्ष 1.1.1959 – 31.12.1961
कन्हैयालाल अचलवंशी अध्यक्ष 1.1.62 – 21.4.63
चतुर्भुज डांगरा अध्यक्ष 22.4.63-15.5.63
मिश्रीलाल व्यास अध्यक्ष 28.5.63-20.6.66
लक्ष्मीचंद सांवल अध्यक्ष 21.6.66-20.6.69
गोविंदलाल बिस्सा अध्यक्ष 21.8.76-31.3.77
शांति जंगा अध्यक्ष 1.12.94-24.4.97
चंद्रप्रकाश शारदा कार्य. अध्यक्ष 25.4.97-1.8.97
विमला वैष्णव अध्यक्ष 2.8.97-29.11.99
सुमार खां अध्यक्ष 30.11.99-27.11.04
गोपीकिशन मेहरा अध्यक्ष 28.11.04-26.11.09
अशोकसिंह तंवर अध्यक्ष 27.11.09-29.4.12
अशोकसिंह तंवर सभापति 30.4.12-26.11.14
कविता खत्री सभापति 27.11.14 से