यहां सबसे ज्यादा खतरा
– सूरजप्रोल के पास – चौधरियों की गली – गांधियों की गली – एको की प्रोल- जोधनगर – जटावास- मंगलपुरा – पुरोहितों की गली – गणेश मंदिर के पासआंधी व बारिश में बढ़ जाता है भय
तेज बारिश या आंधी के मौसम में यहां हालात और भी विकट हो जाते है। घरों को छूकर निकल रही तारों के हवा, आंधी व बारिश के दौरान आपस में टकरा जाने और चिंगारियां निकलने से मकानों की दीवारों में करंट आने का भय बना रहता है। ऐसे में बारिश के दौरान नमी के कारण मकानों में करंट फैल जाने तथा किसी बड़े हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है। आगामी दिनों में आंधियों का दौर शुरू होगा और इसके बाद बारिश का सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कवायद अब तक देखने को नहीं मिली है।अपने स्तर पर व्यवस्थाडिस्कॉम की ओर से वर्षों पूर्व तारेंं लगाकर छोड़ दी गई है। मकानों के निर्माण अथवा तारों के बिल्कुल नजदीक आ जाने पर मकान मालिकों को अपने स्वयं के स्तर पर हादसे से बचाव के उपाय करने पड़ रहे है। मकान मालिकों की ओर से निजी इलेक्ट्रिशियन को बुलाकर तारों पर प्लास्टिक के पाइप लगाकर संभावित हादसे को रोका जा रहा है। प्लास्टिक के पाइप लगाने के दौरान भी कई बार हादसे का भय रहता है।करवाया जा चुका है सर्वे
कस्बे में लगे विद्युत पोल व तारें वर्षों पुरानी है। मकानों के पास और गली मोहल्लों में विद्युत तारों को बदलकर इंसुलेटेड तार लगाने के लिए सर्वे हो चुका है। उच्चाधिकारियों से स्वीकृति मिलने पर तारों को बदलने और इंसुलेटेड तारें लगाने का कार्य किया जाएगा।– धर्मेन्द्रकुमार मीणा, सहायक अभियंता डिस्कॉम, पोकरण