script‘टोनी’ के दिए अंडे से निकला चूजा, सुदासरी गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से आई खुशखबरी | A chick hatched from the egg laid by 'Tony', good news came from Sudasari Great Indian Bustard Breeding Centre | Patrika News
जैसलमेर

‘टोनी’ के दिए अंडे से निकला चूजा, सुदासरी गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से आई खुशखबरी

सीमांत जैसलमेर जिले से वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। यहां सम क्षेत्र के सुदासरी स्थित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में टोनी नामक मादा गोडावण के दिए अंडे से नन्हा चूजा निकला है। उसे विशेषज्ञों की देखभाल में रखा गया है और वह स्वस्थ है। इसके साथ ही जिले के सम व रामदेवरा स्थित दोनों ब्रीडिंग सेंटरों में गोडावण की संख्या बढ़ कर 32 हो गई है। यह चूजा कैप्टिव ब्रीडिंग से हुआ है।

जैसलमेरApr 19, 2024 / 07:48 pm

Deepak Vyas

सीमांत जैसलमेर जिले से वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। यहां सम क्षेत्र के सुदासरी स्थित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में टोनी नामक मादा गोडावण के दिए अंडे से नन्हा चूजा निकला है। उसे विशेषज्ञों की देखभाल में रखा गया है और वह स्वस्थ है। इसके साथ ही जिले के सम व रामदेवरा स्थित दोनों ब्रीडिंग सेंटरों में गोडावण की संख्या बढ़ कर 32 हो गई है। यह चूजा कैप्टिव ब्रीडिंग से हुआ है। जिसका मतलब यह होता है कि गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में पल रहे नर व मादा गोडावण के संयोग से अंडा देना होता है। इस तरह की कैप्टिव ब्रीडिंग से इस साल अब तक 3 और गत वर्ष 1 को मिलाकर 4 चूजों का जन्म हुआ है। ब्रीडिंग सेंटरों में कुल 32 गोडावण में से 28 चूजों का जन्म फील्ड से उठाए गए अंडों से हुआ है। जिस टोनी नामक मादा के दिए अंडे से चूजा निकला है, उसका जन्म सम स्थित ब्रीडिंग सेंटर में हुआ था। जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में जंगल में गोडावण का एक अंडा मिला था। उसमें से मादा चूजा का जन्म हुआ। उसका नामकरण अफ्रीकी मूल की नोबेले पुरस्कार विजेता अमेरिकी लेखिका टोनी मॉरिसन पर किया गया था। जिसका देहांत उन्हीं दिनों निधन हो गया था।

जिले में दो ब्रीडिंग सेंटर

जैसलमेर जिले में सबसे पहले गोडावण ब्रीडिंग का सेंटर सम स्थित सुदासर में स्थापित किया गया था। उसके बाद एक अन्य सेंटर रामदेवरा में बनाया गया। इन दोनों सेंटरों में जंगलों में मिले गोडावण के अंडों को विशेषज्ञों की देखरेख में रखा जाता है और उनमें से चूजों का जन्म सफलतापूर्वक करवाया जा रहा है। सम में 19 और रामदेवरा में 13 गोडावण का पालन-पोषण किया जा रहा है। सेंटरों में गोडावण विशेषज्ञों व वैटरनरी चिकित्सकों की तैनाती है।
गोडावण की बढ़ रही तादाद
डीएनपी क्षेत्र में गोडावण की संख्या में बढ़ोतरी व संरक्षण के लिए किए जा रहे उपाय लगातार रंग ला रहे हैं। इनसे इस दुर्लभ राज्य पक्षी की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ब्रीडिंग सेंटरों में उनकी पूरी तरह से देखभाल की जा रही है।
– डॉ. आशीष व्यास, डीएफओ, डीएनपी, जैसलमेर

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