लेकिन आईफोन में मौजूद कुछ परीक्षण टूल ऐप से जांचने पर पता चला कि यह ऐप फोन की तमाम जानकारियां फेसबुक और गूगल एड मोब के साथ साझा कर रहा है। हालांकि यह विज्ञापन और उनके प्रदर्शन को जांचने के लिए हो सकता है। लेकिन परीक्षण में सबसे संदिग्ध था कि फेस ऐप अपने सर्वर पर कितना डेटा भेज रहा था। यह भी स्पष्ट नहीं हो सकता कि इस डेटा का कैसे और कौन उपयोग कर रहा है। क्योंकि यह सिर्फ आपके चेहरे तक ही सीमित नहीं है। अपने किसी निकट संबंधी या दोस्त की तस्वीर को भी ऐप से बदलने पर यह उस फोटो को भी सर्वर पर अपलोड हो जाता है। फेस ऐप के सीईओ यारोस्लाव गोंचारोव से इन मुद्दों पर बातकर उनका पक्ष भी जाना। बातचीत में सामने आया कि हमें किसी भी ऐप या सेवा के उपयोग से पहले उसके बारे में जान लेना चाहिए जो हमसे व्यक्तिगत जानकारी की पेशकश करता है जैसा हमारा चेहरा, आवाज या फिंगरप्रिंट लॉक ओपन एप।
फेसऐप के सीईओ यारोस्लाव गोंचारोव ने कहा कि ऐप हमारी तस्वीरों को गूगल क्लाउड में अपलोड और प्रोसेस करता है। लेकिन ऐप ‘केवल उपयोगकर्ता के संपादन के लिए चुने हुए फोटो को ही अपलोड करेगा। वह आपके मोबाइल गैलरी में मौजूद अन्य तस्वीरों को नहीं छेड़ता। उन्होंने कहा कि आप अपना नाम या ई-मेल दिए बिना भी फेसऐप का उपयोग कर सकते हैं। 99 फीसदी उपयोगकर्ता ऐसा करते भी हैं।
ऐप की सेवा संबंधी शर्तें इसे हमारी तस्वीरों के लिए ‘स्थायी’ लाइसेंस प्रदान करती हैं। लेकिन गोंचारोव के अनुसार फेसऐप 48 घंटों के बाद अपने सर्वर से ‘अधिकांश’ तस्वीरों को हटा देता है।
क्या फेसपैक हमारे चेहरे और हमारी लोकेशन को ट्रैक करता है? क्या यह चेहरा पहचान तकनीक (फेस रिकग्नीशन तकनीक) के लिए डेटाबेस बनाता है? गोंंचारोव का कहना है कि ऐप ऐसा कुछ भी नहीं करता है। लेकिन कानूनी तौर पर ऐप की शर्तें थोड़ी चिंता पैदा करती हैं। इसके अनुसार भविष्य में अगर कोई दूसरी कंपनी इस ऐप को खरीद लेती है या भविष्य में इसके साथ काम करती है तो वह इसका किसी भी तरह से उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होगी। ऐप की सेवा शर्तों का उपयोग करते हुए कंपनी दुनिया भर में रॉयल्टी-फ्री, ट्रांसफरेबल और सब-लाइसेंस देने के लिए भी आजाद होगी। यानि की नई कंपनी आपके data का भरपूर इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होगी। इसलिए face app जैसी किसी भी ऐप को अपने मोबाइल का डेटा उपयोग करने के लिए ‘अलाउ’ कहने से पहले विचार अवश्य करें।
क्या रूसी सरकार हमारे फोटो और निजी जानकारियों को track कर सकती है? गोंचारोव इससे साफ इंकार करते हैं। उन्होंने बताया कि फेसऐप के बनाने वाले इंजीनियर रूस स्थित कार्यालय से काम करते हैं लेकिन हम डेटा वहां स्थानांतरित नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी किसी भी थर्ड पार्टी के साथ ऐप उपयोग करने वाले किसी भी उपयोगकर्ता के डेटा को ‘बेचती या साझा’ नहीं करती है। यह बताने पर कि ऐप फेसबुक और गूगल के एड मोब के ट्रैकर्स के साथ जानकारी साझा करता है, गोंचारोव ने इसे अपवाद बताते हुए कहा कि रूसी उपयोगकर्ता अपने डेटा को रूस में संग्रहीत कर सकते हैं।
अपने मोबाइल से फेसऐप को हटाने से आपका डेटा ऐप के सर्वर से डिलीट नहीं होता। यह face app cloud में संग्रहीत हो सकता है। गोंचारोव ने बताया कि उपयोगकर्ता फेसऐप के सर्वर से उनका पूरा डेटा हटाने के लिए कह सकते हैं। लेकिन यह प्रक्रिया बहुत जटिल है। उपयोगकर्ता के अनुरोध पर तेजी से काम करने के लिए हम फेसऐप मोबाइल ऐप से ‘setting>support>report a bug’ लिखकर सब्जेक्ट लाइन में ‘privacy’ लिखकर भेजें। तब सर्वर से डेटा को हटाया जाता है। इसके लिए हम बेहतर यूजर इंटरफेस (यूआई) पर काम कर रहे हैं। संवादाता ने कहा कि इस जानकारी को पुेसऐप की वेबसाइट पर क्यों नहीं अपलोड कर देते तो गोंचारोव ने कहा कि हम इसमें सुधार करने पर विचार कर रहे हैं।
ऐपल और गूगल स्टोर जैसी बड़ी टेक कंपनियां अपने स्टोर पर ऐसे ऐप्स को अपग्रेड करने के बदले में धन कमाती हैं। यानि वास्तव में हम खुद कंपनियों को अपनी गोपनीय जानकारी पढऩे के लिए भुगतान कर रहे हैं। इससे बेहतर यह है कि कंपनियां हमें यह समझने में मदद करें कि हम वास्तव में क्या डाउनलोड कर रहे हैं। ताकि हम अपने निजी डेटा को सुरक्षित रख सकें। दोनों ही कंपनियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इसलिए ऐसी ऐप का उपयोग कर अपनी निजी जानकारी और चेहरे की पहचान किसी और के हाथों में सौंपने से पहले इन बातों पर जरूर गौर लें।