राठौड़ ने एक बयान में कहा है कि गहलोत के विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा व लोकसभा क्षेत्र जोधपुर तथा पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक व लोकसभा क्षेत्र टोंक-सवाईमाधोपुर से कोंग्रेस की हुई हार के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश के साथ-साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र में भी गहलोत और पायलट का जनाधार ख़त्म हो गया है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले घोषणा भी की थी कि जिन मन्त्रियों के विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस हारेगी, उन मन्त्रियों को हटाया जाएगा। प्रदेश में 200 में से 185 सीटों पर कोंग्रेस की हार के बाद तो कोंग्रेस सरकार को बने रहने का हक़ ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी सत्तारूढ़ दल को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली हो। इससे साफ़ होगया है कि प्रदेश की गहलोत सरकार को जनता ने सिर्फ़ 4 माह में ही नकार दिया। इसलिए गहलोत और पायलट नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे।
कांग्रेस को जनता ने नकारा : जावडेकर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ( Prakash Javdekar ) ने कहा है कि कांग्रेस ने देश की जनता से, किसानों से, युवाओं एवं महिलाओं से झूठे वादे किए। जब से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, तब से ना तो किसानों की पूर्ण कर्जमाफी हुई है और ना ही बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया गया है। प्रदेश में कांग्रेस के शासनकाल में महिलाओं पर अत्याचार एवं अपराध भी बढ़े है। जनता ने कांग्रेस के नारे ‘अब होगा न्याय’ को चरितार्थ करते हुए कांग्रेस के साथ न्याय किया और उन्हें राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे देश में नकार दिया।