जानें कहां से शुरू हुआ IUC पर बवाल: Reliance Jio कंपनी से जब हमने इस बात के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि IUC का मामला मिस कॉल के मामले से लिंक्ड है। Jio यूजर्स की कॉलिंग फ्री होने के चलते दूसरे नेटवर्क यूजर्स उन्हें मिस कॉल देते थे। जिस वजह से जियो यूजर्स को उन्हें कॉल करनी पड़ती थी। इससे जियो के नेटवर्क से कॉलिंग की संख्या बहुत बढ़ गई थी जिसके चलते Relinace Jio को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। हालांकि, इसके बाद भी Jio IUC को लागू न करने के फैसले पर अड़ा हुआ था। वहीं, TRAI भी IUC के पक्ष में नहीं था।
Jio के नेटवर्क से हो रही ज्यादा कॉलिंग के चलते Airtel, Vodafone और Idea को काफी फायदा हुआ क्योंकि Jio ही दूसरे ऑपरेटर्स को IUC चार्ज दे रहा था। Jio की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अभी तक कंपनी ने 13,000 करोड़ रुपये का IUC चार्ज चुकाया है। वहीं, प्रति महीने 200 करोड़ का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में Jio ने कॉलिंग के दौरान रिंगिग समय को 25 सेकेंड कर दिया था। कंपनी के फैसले के बाद Airtel, Vodafone और Idea ने भी रिंगिंग टाइम को 25 सेकेंड तक सीमित कर दिया। आपको बता दें कि स्टैंडर्ड रिंगिंग टाइम 35 से 40 सेकेंड होता है।
TRAI ने लिया IUC लागू करने का फैसला: Jio ने बताया कि TRAI भी IUC के पक्ष में नहीं था लेकिन Airtel, Vodafone और Idea ने काफी दवाब डाल कर IUC से संबंधित कंस्लटेशन पेपर जारी करा दिया। दवाब के चलते TRAI ने IUC को लागू कर दिया। TRAI का कहना है कि इसे 1 जनवरी 2020 से लागू कर दिया जाएगा। लेकिन जहां पहले इसके लिए ऑपरेटर्स को 13 पैसे प्रति मिनट दूसरे ऑपरेटर को देने होते थे, वहीं, अब उन्हें 6 पैसे प्रति मिनट देने पड़ रहे हैं।
क्या पड़ेगा यूजर्स पर असर: Jio का कहना है कि अगर IUC को नहीं हटाया गया तो यह कंपनी और यूजर्स दोनों के साथ अनुचित होगा। देश में अब भी 400 मिलियन लोग हैं जो 2G नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये यूजर्स 20 रुपये या 30 रुपये का रिचार्ज कराते हैं। ऐसे में IUC चार्ज का सबसे ज्यादा असर इन्हीं यूजर्स पर पड़ेगा। वहीं, सिर्फ यूजर्स ही नहीं बल्कि कंपनियों को भी इसका असर झेलना होगा। अगर Jio की बात करें तो कंपनी ने IUC चार्ज के लिए कुछ प्लान्स पेश किए हैं जो यूजर्स के तब काम आएंगे जब वो किसी अन्य ऑपरेटर के नंबर पर कॉल करेंगे।