कहीं नालियां कूड़े से अटी पड़ी हैं तो कहीं सड़क पर बने गड्ढों के कारण राहगीरों व वाहन चालकों की हालत खस्ता हो जाती है। गांधीनगर मुख्य मार्ग से इंडस्ट्रीयल एरिया जाने वाली सड़क के किनारे जलापूर्ति की पाइपलाइन लीकेज होने से पानी व्यर्थ बहता है। सड़क पर गड्ढे बनने का कारण भी पानी ही है।
आवाजाही में परेशानी देवाराम, लीलादेवी व अन्य श्रमिकों ने बताया कि फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिक रोजाना इस मार्ग से आवाजाही करते हैं। सड़क पर फैले पानी के कारण कीचड़ रहता है।
इसके बावजूद न तो जलदाय विभाग की ओर से लीकेज को दुरुस्त करवाया जा रहा है और न ही रीको बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान दे रहा है। मार्ग पर व फोरलेन के किनारे बने नाले-नालियां कूड़े से अटे होने के कारण पानी की निकासी अवरुद्ध हो गई है। फैक्ट्रियों का पानी भी इधर-उधर फैलता रहता है।
सड़क किनारे ही कबाड़ का ढेर इंडस्ट्रीयल एरिया में कबाड़ के कई गोदाम भी हैं। अधिकतर कबाड़ सड़क किनारे ही डाल देते हैं। ऐसे में राहगीरों को बीच सड़क पर चलने को विवश होना पड़ता है।
इससे वाहनों की चपेट में आने का खतरा रहता है। कबाड़ नालियों पर बिखरा रहने से भी निकासी अवरुद्ध हो गई है। नतीजतन फैक्ट्रियों का पानी इधर-उधर फैलता रहता है। रोड लाइटें तक बंद
एरिया में फोरलेन को छोड़ दें तो सड़क किनारे लगी अधिकतर रोड लाइटें बंद ही रहती हैं।अंधेरे में राहगीरों को आवाजाही में परेशानी होती है। कई बार तो टॉर्च का सहारा लेना पड़ता है। अंधेरे का फायदा उठाकर रात्रि में चोरी की वारदात की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।