– गुजरात : यहां की जिम्मेदारी भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर ( Omprakash Mathur ) के पास थी। माथुर और मोदी के रिश्ता पन्द्रह साल पुराना है। मोदी गुजरात के सीएम थे तब माथुर प्रभारी थे। वर्ष 2014 के चुनाव में भी माथुर ही गुजरात के प्रभारी थे और भाजपा ने सभी 26 सीटें जीती थीं। इस बार भी गुजरात की जिम्मेदारी माथुर के पास ही रही और 2014 की तरह सभी 26 सीटें भाजपा जीती है। माथुर इस समय राज्यसभा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
– बिहार : यहां की जिम्मेदारी भूपेन्द्र यादव ( Bhupendra Yadav ) के पास थी। यादव अजमेर से ताल्लुक रखते हैं और राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें बिहार में न सिर्फ चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी गई बल्कि एनडीए के दो घटक दलों के बीच समन्वय का जिम्मा भी दिया गया था। बिहार में 40 में से 39 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार जीते हैं। यादव अभी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं।
यहां भी मिली जीत प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुकीं किरण माहेश्वरी ( Kiran Maheshwari ) को पार्टी ने कर्नाटक का सह प्रभारी बनाया था। किरण 3 माह तक कर्नाटक रहीं और सभी 28 लोकसभा सीटों पर जाकर काम किया। पार्टी ने वहां 28 में से 25 सीटें जीती हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मोदी को पीएम बनाने के लिए जिन राज्यों से सबसे ज्यादा सीटों की दरकार थी, उनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात प्रमुख हैं। तीनों जगह राजस्थान मूल के नेताओं के हाथ में कमान थी और परिणाम भाजपा के पक्ष में आया है। ऐसे में पार्टी माथुर, यादव और बंसल का कद बढ़ा सकती है। कुछ को संगठन में तो कुछ को सत्ता में मौका मिल सकता है। किरण को भी राष्ट्रीय संगठन या प्रदेश इकाई में बड़ा पद दिया जा सकता है।