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राजस्थान के तीन नेताओं ने संभाली तीन बड़े राज्यों की कमान, तीनों जगह फहरा भाजपा का परचम

locationजयपुरPublished: May 25, 2019 10:05:28 pm

542 में से 176 सीटों पर काम कर रहे थे राजस्थान के नेता, भाजपा ने जीतीं 155 सीटें

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राजस्थान के तीन नेताओं ने संभाली तीन बड़े राज्यों की कमान, तीनों जगह फहरा भाजपा का परचम

अरविन्द सिंह शक्तावत / जयपुर। भाजपा को देशभर में मिले प्रचंड बहुमत में राजस्थान ( Rajasthan ) का भी अहम योगदान है। राजस्थान ने अपनी सभी 25 सीटें तो भाजपा ( BJP ) की झोली में डाली ही, नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा के राजस्थान मूल के नेताओं ने पसीना भी खूब बहाया है। राजस्थान मूल के भाजपा नेता कुल 542 में से 176 सीटों पर रणनीतिक रूप से काम कर रहे थे। इनमें से भाजपा ने 155 सीटें जीती हैं। इनमें तीन नेता प्रमुख हैं जिन्होंने देश के सबसे बड़े तीन राज्यों की जिम्मेदारी संभाली और तीनों में ही पार्टी को बड़ी जीत मिली है।

राजस्थान मूल के ये तीन नेता बने नींव के पत्थर
गुजरात : यहां की जिम्मेदारी भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर ( Omprakash Mathur ) के पास थी। माथुर और मोदी के रिश्ता पन्द्रह साल पुराना है। मोदी गुजरात के सीएम थे तब माथुर प्रभारी थे। वर्ष 2014 के चुनाव में भी माथुर ही गुजरात के प्रभारी थे और भाजपा ने सभी 26 सीटें जीती थीं। इस बार भी गुजरात की जिम्मेदारी माथुर के पास ही रही और 2014 की तरह सभी 26 सीटें भाजपा जीती है। माथुर इस समय राज्यसभा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
– उत्तरप्रदेश : यहां की जिम्मेदारी सुनील बंसल ( Sunil Bansal ) के पास थी। बंसल मूलत: जयपुर जिले के रहने वाले हैं और उत्तरप्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हैं। वर्ष 2014 के चुनाव से पहले उन्हें उत्तरप्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी। तब भाजपा ने यहां 71 सीटें जीती थीं और इस बार 80 में से 62 सीटें जीती हैं। दो सीटें सहयोगी दल ने जीती हैं। कुशल संगठक बंसल राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath ) के करीबी हैं।

– बिहार : यहां की जिम्मेदारी भूपेन्द्र यादव ( Bhupendra Yadav ) के पास थी। यादव अजमेर से ताल्लुक रखते हैं और राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें बिहार में न सिर्फ चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी गई बल्कि एनडीए के दो घटक दलों के बीच समन्वय का जिम्मा भी दिया गया था। बिहार में 40 में से 39 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार जीते हैं। यादव अभी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं।

यहां भी मिली जीत

प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुकीं किरण माहेश्वरी ( Kiran Maheshwari ) को पार्टी ने कर्नाटक का सह प्रभारी बनाया था। किरण 3 माह तक कर्नाटक रहीं और सभी 28 लोकसभा सीटों पर जाकर काम किया। पार्टी ने वहां 28 में से 25 सीटें जीती हैं।

मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मोदी को पीएम बनाने के लिए जिन राज्यों से सबसे ज्यादा सीटों की दरकार थी, उनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात प्रमुख हैं। तीनों जगह राजस्थान मूल के नेताओं के हाथ में कमान थी और परिणाम भाजपा के पक्ष में आया है। ऐसे में पार्टी माथुर, यादव और बंसल का कद बढ़ा सकती है। कुछ को संगठन में तो कुछ को सत्ता में मौका मिल सकता है। किरण को भी राष्ट्रीय संगठन या प्रदेश इकाई में बड़ा पद दिया जा सकता है।
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