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पोर्टफोलियो का हिस्सा बनने के लिए तीन शर्तों को पूरा करना जरूरी
किसी भी कंपनी को इस पोर्टफोलियो का हिस्सा बनने के लिए एक कंपनी को तीन शर्तों को पूरा करना होगा। इसमें लाभप्रदता का ट्रैक रिकॉर्ड, बाजार में अग्रणी और उचित संयोजन क्षमता। अपने पूरे इतिहास में फंड ने 2008 के वित्तीय संकट, 2013 की ब्याज दर में बढ़ोतरी और 2020 की कोविड-19 महामारी सहित विभिन्न बाजार घटनाओं का सामना किया है। इनमें से प्रत्येक चरण में फंड ने कम अस्थिरता का प्रदर्शन किया है। इस फंड ने 2008 से अब तक सालाना 15.33 फीसदी चक्रवृद्धि दर से रिटर्न दिया है। इसकी तुलना में इसके बेंचमार्क निफ्टी 100 टीआरआई में 14.09 फीसदी सीएजीआर का रिटर्न मिला है। फंड का एसआईपी रिटर्न भी प्रभावशाली रहा है। 10,000 रुपए का एसआईपी के जरिए 16 साल में कुल 19 लाख रुपए का निवेश अगर किसी ने किया होगा तो इसका मूल्य 78.32 लाख रुपए हो गया है। यानी 16.15 फीसदी का रिटर्न। बेंचमार्क में इसी निवेश पर केवल 14.30 फीसदी का रिटर्न मिला है।
एक साल में फंड ने 42 फीसदी का रिटर्न दिया
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के डिप्टी सीआईओ (इक्विटी और स्कीम के फंड मैनेजर) अनीश तवाकले का कहना है कि पिछले एक साल में फंड ने 42.23 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि इसके बेंचमार्क ने केवल 34.97 फीसदी का रिटर्न दिया है, जो 7.26 फीसदी अधिक है। तीन और पांच साल के रिटर्न का भी यही ट्रेंड रहा है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप का कुल एयूएम इस समय 51,554.28 करोड़ रुपए है। फंड की शीर्ष होल्डिंग्स में वित्तीय सेवाओं (22 फीसदी), तेल, गैस और ईंधन (12.92 फीसदी), ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स (10.23 फीसदी) और आईटी (8.99 फीसदी) सेक्टर हैं।
म्यूचुअल फंड कई तरह के होते हैं जैसे इक्विटी फंड्स, डेट फंड्स, बैलेंस या हाइब्रिड फंड्स और सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स, इक्विटी फंड, निवेशकों से लिए पैसे को शेयर बाजार में लगाते हैं। डेट फड्स निश्चित आय वाले साधनों जैसे ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं। डेट फंड्स में स्थिरता होती है। साथ ही, बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव का इन पर असर कम होता है। अगर कोई निवेशक कम जोखिम चाहता है तो उसके लिए डेट फंड काफी अच्छा विकल्प है।