जवानों और पुलिसकर्मियों के राखी बांधी युवतियों ने
उधर सोमवार से गंगापोल, रामगंज और अन्य प्रभावित इलाकों में तैनात (Police force) पुलिसकर्मियों को स्थानीय युवतियों ने अपने परिवार की याद नहीं आने दी। तीन दिन और तीन रात से मौके पर तैनात एसटीएफ के जवानों और स्थानीय पुलिसकर्मियों को रावल जी का बाग, गंगपोल और आसपास रहने वाली युवतियों एवं महिलाओं ने रक्षा सूत्र बांधे। हालात ये हो गए कि कुछ पुलिसकर्मी तो भावुक होकर रो पडे। जवाब में पुसिकर्मियों ने भी बहनों एवं उनके परिवार की रक्षा का वचन दिया। बाद में गणतंत्र दिवस भी मनाया गया। हर साल की तरह रावली जी का बाग कॉलोनी में झंडारोहण किया गया। लेकिन इस बार झंडारोण इसलिए विशेष था क्योंकि वहां पर पुलिस अफसर भी मौजूद रहे। इस बवाल के बाद जब पुलिस अफसरों और स्थानीय लोगों ने एक साथ झंड़ा फहराया तो लोगों ने जमकर देश भक्ति के नारे लगाए।
उधर सोमवार से गंगापोल, रामगंज और अन्य प्रभावित इलाकों में तैनात (Police force) पुलिसकर्मियों को स्थानीय युवतियों ने अपने परिवार की याद नहीं आने दी। तीन दिन और तीन रात से मौके पर तैनात एसटीएफ के जवानों और स्थानीय पुलिसकर्मियों को रावल जी का बाग, गंगपोल और आसपास रहने वाली युवतियों एवं महिलाओं ने रक्षा सूत्र बांधे। हालात ये हो गए कि कुछ पुलिसकर्मी तो भावुक होकर रो पडे। जवाब में पुसिकर्मियों ने भी बहनों एवं उनके परिवार की रक्षा का वचन दिया। बाद में गणतंत्र दिवस भी मनाया गया। हर साल की तरह रावली जी का बाग कॉलोनी में झंडारोहण किया गया। लेकिन इस बार झंडारोण इसलिए विशेष था क्योंकि वहां पर पुलिस अफसर भी मौजूद रहे। इस बवाल के बाद जब पुलिस अफसरों और स्थानीय लोगों ने एक साथ झंड़ा फहराया तो लोगों ने जमकर देश भक्ति के नारे लगाए।
अब तक 5 मुकदमें 70 अरेस्ट
गंगापोल में हुए बवाल के बाद अब तक पांच मुकदमें अरेस्ट हो चुके हैं। इनमें करीब सत्तर से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। प्रभावित पंद्रह थाना इलाकों में धारा 144 जारी है। वहीं दस से ज्यादा थाना इलाकों में इंटरनेट भी बंद है। बताया जा रहा है कि नेटबंदी और धारा 144 रविवार तक जारी रहने की उम्मीद है।
गंगापोल में हुए बवाल के बाद अब तक पांच मुकदमें अरेस्ट हो चुके हैं। इनमें करीब सत्तर से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। प्रभावित पंद्रह थाना इलाकों में धारा 144 जारी है। वहीं दस से ज्यादा थाना इलाकों में इंटरनेट भी बंद है। बताया जा रहा है कि नेटबंदी और धारा 144 रविवार तक जारी रहने की उम्मीद है।
शांति समितियों की बैठक के बाद निकली राह
सोमवार से शुरू हुए इस विवाद के दौरान बुधवार तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने बीच बचाव का रास्ता नहीं खोजा। बाद में पुलिस अधिकारियों की दखल के बाद कांग्रेस और बीजेपी के नेता एवं जनप्रतिनिधी मौके पर पहुंचे। उधर पुलिस ने भी स्थानीय सीएलजी सदस्यों और शांति समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठकें की और जल्द से जल्द इस विवाद को निपटाने के लिए कहा। नतीजा यह रहा कि मौके पर दो दिन से शांति है। हांलाकि विवाद अभी तक पूरी तरह से नहीं निपटा है।