नॉर्वे के अर्थशास्त्री एरिक वारेस के मुताबिक जलवायु परिवर्तन का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर तीन तरह से असर पड़ेगा, खासकर ऊर्जा के क्षेत्र में। इसका समाधान है, लेकिन चुनौतीपूर्ण है। 2050 तक इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कोयले का सभी प्रकार से उपयोग रोकना होगा। तेल की मांग को आधा और प्राकृतिक गैस में दस फीसदी तक कटौती करनी होगी। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ ही अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देना होगा, जिससे प्रौद्योगिकी में तेजी आएगी। वारेस ने कहा कि 2030 तक आधे से अधिक वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने होंगे। बिजली की मांग दोगुनी होगी, लेकिन पवन और सौर ऊर्जा के उत्पादन में तेजी लाकर इसे पूरा किया जा सकता है।