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थानागाजी गैंगरेप मामला: वरिष्ठ नेताओं के रवैये से कार्यकता नाखुश, दिल्ली भेजेंगे शिकायत

चुनाव में मुदृदा बनाया, पर पीड़िता से मिलने नहीं पहुंचे भाजपा के बड़े नेता

जयपुरMay 20, 2019 / 07:51 pm

pushpendra shekhawat

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थानागाजी गैंगरेप मामला: वरिष्ठ नेताओं के रवैये से कार्यकता नाखुश, दिल्ली भेजेंगे शिकायत

शादाब अहमद / जयपुर। अलवर जिले के थानागाजी गैंगरेप ( Thanagazi Gangrape ) मामले के प्रति अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के रवैये से भाजपा कार्यकर्ता अचरज में हैं। कार्यकर्ताओं में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि देशभर में मुददा बनने के बावजूद राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष को पीड़िता और उसके परिजन से मिलने की जरूरत तक महसूस नहीं हुई।

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भाजपा कार्यकर्ता राज्य के इन बड़े नेताओं के इस रवैये की शिकायत केन्द्रीय नेतृत्व तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। गैंगरेप मामले को को भाजपा ने चुनावी मुददा बनाया और कांग्रेस को घेरा भी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने भी भाषणों में इस मुददे को उठाया। यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Cm Ashok Gehlot ), उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) के साथ पीड़िता से मिलने थानागाजी पहुंच गए।

दूसरी ओर प्रदेश भाजपा और उसके बड़े नेता महज प्रदर्शन करके इसे चुनावी मुददा बनाए रखने में सक्रिय रहे। हालांकि केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा ( Kirodi Lal Meena ), रामकुमार वर्मा सहित कुछ स्थानीय नेता जरूर पीड़िता से मिलकर आए। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ( Vasundhara Raje ), विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबंच कटारिया ( Gulab Chand Kataria ), उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ( Rajendra Rathore ), भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ( Madan Lal Saini ) सहित अन्य बड़े नेताओं ने इस मामले में सिर्फ प्रदर्शन और बयानों तक ही अपनी सक्रियता रखी।
लोकसभा चुनाव के बीच हुए थानागाजी गैंगरेप पर देशभर की सियासत गरमा गई थी। मोदी ने तो चुनावी सभाओं में बसपा को कांग्रेस सरकार से समर्थन वापसी की सलाह तक दे दी। नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने तो एक बयान में प्रशासनिक जांच की मांग उठाकर इतिश्री कर ली। राज्य सरकार ने यह मांग मान ली तो किरोड़ीलाल ने अलग से प्रदर्शन किया और सीबीआई जांच की मांग उठा दी। अब भाजपा से जुड़े दलित वर्ग के कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि बड़े नेता पीड़ित परिवार को सांत्वना देने जाते तो इसका समूचे देश में बड़ा संदेश जाता।
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