पूछने पर शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों से कोई जवाब ही नहीं बना तो कईयों ने बहाने बनाए। किसी ने कहा कि दूसरे दिन शिक्षक नहीं आते, तो किसी ने कहा हमारे पास इतना बजट ही नहीं है। दूसरे दिन अधिकांश शिक्षक संगठनों से जुड़े शिक्षक अपने घरों पर छुटटी का आनंद लेते रहे।