अटल बिहारी वाजपेयी का राजस्थान से और भी कई नाते हैं….. विशेषतौर से वाजपेयी यहां के खानपान के बहुत शौकिन थे….. जयपुर के घेवर के वाजपेयी दिवाने थे, यहां की चारदीवारी में स्थित एक दुकान से उनके लिए दिल्ली घेवर ले जाया जाता था….
ऐसी ही एक दुकान राजस्थान के प्रतापगढ़ के धरियावद में है.. जहां पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने 30 वर्ष पहले एक होटल पर चाय पी थी…. इस दुकान मलिक ने आज भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी चाय पीने वाले कप प्लेट को संभालकर रखा है…
होटल मालिक पुत्र नरेश सेठिया ने बताया कि करीब 30 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यहां आए थे…और अपनी टीम के साथ यहां चाय नाश्ता किया था… उसके बाद से ही उनकी निशानी के तौर पर कप प्लेट आज तक संभाल कर रखे गए हैं…
होटल मालिक नरेश सेठिया के अनुसार आज से 30 वर्ष पूर्व सर्दी के दिनों में 18 दिसंबर 1989 को जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रतापगढ़ में जनसंघ की बैठक में भाग लेकर उदयपुर सड़क मार्ग से लौट रहे थे… उसी दौरान उदयपुर मार्ग स्थित दौलत रेस्टोरेंट पर वाजपेयी जी ने अपनी गाड़ी रुकवाई और वहां जनसंघ के पदाधिकारियों के साथ चाय की चुस्कियां ली…… होटल पर बनी चाय का स्वाद पूर्व प्रधानमंत्री की जुबान पर ऐसा चढ़ा कि वाजपेयी जी ने उस समय होटल मालिक स्वर्गीय दौलत सेठिया से कहा कि यहां से उदयपुर 120 किलोमीटर है और आपकी एक कप चाय 60 किलोमीटर चलेगी….. ऐसे में एक कप चाय और पिला दो जिससे उदयपुर का सफर अच्छे से कट जाए……….. जिस पर स्वर्गीय दौलत सेठिया एवं उसके बड़े पुत्र नरेश सेठिया ने अपने हाथों से पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी को एक कप चाय और दी…… चाय पीने के बाद जाते समय पूर्व प्रधानमंत्री वजपंयी ने होटल मालिक दौलत सेठिया को अपने पास बुलाया और कहा कि अगली बार जब भी धरियाबाद आऊं तो मुझे इसी कप प्लेट में चाय पिलाना और इसे संभाल कर रखना…..हालांकि उसके बाद वाजपेयी कभी धरियावद नहीं आए