आसाराम की करवाता पैरोल पूछताछ में जानकारी सामने आई है कि शातिर ठग नितिन गुप्ता एक अधिवक्ता के जरिए आसाराम के संपर्क में आया था। आरोपी ने खुद के ऊंचे तालूकात का हवाला देते हुए उसे पैरोल पर बाहर निकालने का आश्वासन दिया था। इस संबंध में नितिन पिछले कुछ महीनों में जोधपुर जेल में जाकर के तीन-चार आसाराम से मिल भी चुका है। पूछताछ में उसने बताया कि इन मुलाकातों के लिए उसे खुद को भी करीब 4-5 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। पैरोल के बदले उसे करीब 50 लाख रुपए मिलने थे। मामले में एसओजी पता लगा रही है कि आसाराम से मुलाकात के लिए उसे किन्हे और क्यों रुपए देने पड़े।
दिखता था ऊंचा रुतबा जानकारी यह भी सामने आई है कि गत फरवरी माह में वह अपने संपर्कों का इस्तमाल करके रेलवे की उत्तर रेलवे क्षेत्रिय रेल उपभोक्ता परामर्शदात्री समिति में सदस्य बन गया था। विभिन्न केंद्रीय विभागों में वह अक्सर आता-जाता था और बड़े संपर्क होने का दावा कर लोगों से ठगी करता था। उप राष्ट्रपति भवन, सहित विभिन्न मंत्रालयों में अपनी जानकारी बताता है। गौरतलब है कि विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार में प्रिंसिपल एडवाइजर बताकर के आरोपी नितिन और उसकी पत्नी शिखा गुप्ता केंद्रीय फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड का सदस्य बताकर कई लोगों से फिल्म प्रमाणन बोर्ड का सदस्य बनाने, रेलवे, एफसीआई, बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करते थे। एसओजी राजस्थान ने उन्हें शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया।