सरकार ने सातवें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर दुगुना कर दिया है। अभी तक डाकिए को साइकिल भत्ते के रुप में 90 रुपए ही मिल रहे थे लेकिन अब 180 रुपए मिल रहे है। हालांकि ये भत्ता उन्हीं डाकिए को मिलेंगे जिन्होंने इसके लिए आवेदन कर रखा है। अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवकों ने सातवें वेतन आयोग में साइकिल भत्ता बंद करने की सिफारिश की थी जिसे केंद्र सरकार ने पिछले दिनों ठुकरा दिया और इसे बढ़ाने की घोषणा करके डाकिए को राहत पहुंचाई है।
विभाग का कहना है कि गांव—ढाणियों में अब भी डाकिए का बेहद बड़ा महत्व है। लोगों को अपने संदेश पाने का एकमात्र जरिया अब भी डाकिया ही है। और उसे समय पर डाक पहुंचाने के लिए साइकिल की सख्त जरुरत है ऐसे में साइकिल भत्ते को खत्म करने की बजाय सरकार ने इसे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
ये भी जानें—
पूरे प्रदेश में लगभग 15 हजार ग्रामीण डाक सेवक है। जिन्होंने नियमित करने और जीडीएस कमेटी का गठन करने को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन और हड़ताल की है। लेकिन विभाग की ओर से इनकी सुनवाई नहीं हो सकी। करीब डेढ़ माह पहले केंद्र सरकार ने ग्रामीण डाक सेवकों की मांग पर विचार करते हुए जीडीएस कमेटी लागू करने की घोषणा कर दी। अब डाक सेवकों को इससे मिलने वाले फायदे लेने का इंतजार है।
पूरे प्रदेश में लगभग 15 हजार ग्रामीण डाक सेवक है। जिन्होंने नियमित करने और जीडीएस कमेटी का गठन करने को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन और हड़ताल की है। लेकिन विभाग की ओर से इनकी सुनवाई नहीं हो सकी। करीब डेढ़ माह पहले केंद्र सरकार ने ग्रामीण डाक सेवकों की मांग पर विचार करते हुए जीडीएस कमेटी लागू करने की घोषणा कर दी। अब डाक सेवकों को इससे मिलने वाले फायदे लेने का इंतजार है।