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तो अब आसान हुआ विदेशी डाक का पीछा करना

locationजयपुरPublished: Jul 16, 2018 10:00:39 am

Submitted by:

Teena Bairagi

.’इंटरनेशनल ट्रेक्ड पैकेट सर्विस’ सुविधा का होगा विस्तार

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तो अब आसान हुआ विदेशी डाक का पीछा करना

—विदेश में भेजी गई डाक को आसानी से किया जा सकेगा ट्रेस
—अभी 12 देशों के लिए मिल रही हैं यह सुविधा
जयपुर
आमजन की सुविधाओं को देखते हुए डाक विभाग ने ‘इंटरनेशनल ट्रेक्ड पैकेट सर्विस’ सेवा का विस्तार करने का फैसला किया है। इस सेवा के शुरु होने से अब विदेशों में भेजी जाने वाली डाक की पूरी लोकेशन ट्रेस हो सकेगी। यानि आपकी डाक कहां और किस रुट पर है इसे देख पाना आसान होगा। इसकी पूरी जानकारी आॅनलाइन ही मिल जाएगी।
विभाग की मानें तो फिलहाल यह सेवा 12 देशों के लिए शुरू कर दी गई है। इन सभी देशों को ई-कॉमर्स व्यवस्था के तहत दो किलो तक का सामान भेजा जा सकेगा। वर्तमान में दो देशों के बीच स्पीड पोस्ट की व्यवस्था लेटर फार्म में चल रही है।
डाकघर की इंडिया पोस्ट डॉट गांव डॉट इन साइट पर उपभोक्ता विदेश में भेजे अपने आर्टिकल की पूरी जानकारी ले सकता है। साथ ही ई-कॉमर्स व्यवस्था के तहत दो देशों के बीच दो किलो तक के सामान का क्रय विक्रय भी किया जा सकेगा। इंटरनेशनल ट्रैक्ड पैकेट सर्विस के चार्ज स्पीड पोस्ट से काफी कम रखे गए हैं।
आमजन में इसकी सफलता को देखते हुए ही इसे अब अन्य देशों में भी शुरु करने पर विचार किया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस संबंध में बैठक होगी तभी उन देशों के नाम तय होंगे। फिलहाल इस बारे में प्रपोजल तैयार है। केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलते ही जल्द ही लोगों को ये सुविधा सभी देशों के लिए मिल सकेगी।
इन देशों में हुई शुरु—
पिछले साल नवंबर में आॅस्ट्रेलिया, कंबोडिया, हांगकांग, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया,न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, साउथ कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम देशों में यह सेवा प्राथमिक तौर पर शुरु की गई थी।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल आमजन की मांग पर विदेशों में भेजी गई डाक के बारे में खुद लोगों को अपडेट रहने के मकसद से ‘इंटरनेशनल ट्रेक्ड पैकेट सर्विस’ शुरु की थी। धीरे—धीरे यह सुविधा लोगों की हेबिट में शामिल होने लगी है। अब लोग विभाग में आकर अपनी डाक के बारे में नहीं पूछ रहे हैं बल्कि वे अपने मोबाइल पर ही विदेश में भेजी डाक की लोकेशन जान रहे है। इससे लोगों को ये तसल्ली तो है कि उनकी डाक कहीं रास्ते में ही नहीं खोई हैं बल्कि गंतव्य तक पहुंच गई है।
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