अस्पताल के लेबर रूप में सांप दोपहर करीब सवा एक बजे निकला। इससे वहां मौजूद प्रसूताओं और स्टाफ में हड़कम्प मच गया। बाद में नर्सिंग स्टाफ ने समाजसेवी इकबाल को सूचना दी। इकबाल ने मौके पर पहुंच कर सांप को पकडऩे के प्रयास शुरू किए ही थे कि वह बिजली के एक्सटेंशन में जा दुबका। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद भी सांप बाहर नहीं निकला। आखिरकार इकबाल को बिना सांप पकड़े ही बैरंग लौटना पड़ा।
इससे पहले भी पकड़े हैं सांप इकबाल ने बताया कि इसस पहले भी पीबीएम अस्पताल से सैकड़ों सांप पकड़े जा चुके हैं। इसी स्थान से पहले तीन सांप पकड़े गए हैं। वहीं लेबर रूम के ऊपर स्थित प्रसूताओं के वार्ड से तीन सांप, ऑपरेशन थियेटर के ए ब्लॉक से तीन, जे वार्ड से छह सांप, दो गोयरे, एमआरआइ सेन्टर के नजदीक से दो सांप, के और ई वार्ड से करीब 15 सांप, डी और जेड वार्ड के शौचालय से पांच सांप पकड़े जा चुके हैं।
सफाई के अभाव में घटनाएं पीबीएम अस्पताल में आए दिन सांप निकलने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने इन्हें रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के अभाव में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। मरीजों के परिजनों की ओर से जूठन नालियों में डालने से अस्पताल में चूहों की भरमार हो गई है। चूहों को खाने के लिए सांप भी आए दिन निकल रहे हैं। इकबाल ने बताया कि इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को कई बार लिखित में शिकायत कर वार्डों में सफाई रखने की अपील की गई थी, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।