– जनवरी में कुल ओपीडी 241773
– फरवरी में कुल ओपीडी 256782
– मार्च में कुल ओपीडी 168397
– अप्रैल में कुल ओपीडी 32800
– मई माह में कुल ओपीडी 46402
– जून माह में कुल ओपीडी 73657
– जनवरी माह में 18219 मरीज भर्ती
– फरवरी माह में 18148 मरीज भर्ती
– मार्च माह में 12643 मरीज भर्ती
– अप्रैल माह में 4305 मरीज भर्ती
– मई माह में 4994 मरीज भर्ती
– जून माह में 7840 मरीज भर्ती
ऑपरेशन सिमट कर एक तिहाई रह गए
कोरोना के खौफ के चलते अस्पताल में न सिर्र्फ ओपीडी और आइपीडी में भर्ती मरीजों की संख्या में कमी आई है, बल्कि रोजाना हो रहे ऑपरेशनों की संख्या भी एक तिहाई तक सिमट कर रह गई है। चिकित्सक पहले से रजिस्टर्ड मरीजों को सर्जरी के लिए सूचना दे रहे हैं, लेकिन अधिकांश मरीज तय पर समय ऑपरेशन के लिए आ ही नहीं रहे। इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है ऑपरेशन से पहले कोरोना टेस्ट समेत अन्य प्रक्रियाएं होती हैं। इस वजह से मरीज अस्पताल नहीं आना चाहते। जानकारी के अनुसार जनवरी में जहां 13110 ऑपरेशन हुए वहीं लॉकडाउन के दौरान मार्च में ऑपरेशन घटकर 8099 हुए। अप्रैल और मई तो 4405 और जून में 5507 ऑपरेशन हुए।
जनवरी- 13110
फरवरी-13902
मार्च- 8099
अप्रैल-1802
मई -2603
जून- 5507
इनका कहना है
अस्पताल में आइपीडी और ओपीडी सुविधाएं बेहतर कर दी गई हैं। अभी लोगों में कोरोना का भय व्याप्त है। इसलिए अस्पताल में मरीज कम आ रहे हैं। हालांकि एनेस्थीसिया, मेडिसिन और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के कई चिकित्सकों की ड्यूटी आरयूएचएस लगा रखी है।
– डॉ. राजेश शर्मा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल
– डॉ. रेखा सिंह, अधीक्षक, जयपुरिया अस्पताल
– डॉ. अजय माथुर, अधीक्षक, गणगौरी अस्पताल