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बच्चों को पढ़ाने के लिए खुद लिया स्कूल में दाखिला

locationजयपुरPublished: Dec 05, 2018 01:01:53 pm

Submitted by:

Shalini Agarwal

होमवर्क कराने और गणित समझाने में परेशानी से बचने के लिए खुद सीख रहे हैं पेरेंट्स

Parenting

बच्चों को पढ़ाने के लिए खुद लिया स्कूल में दाखिला

बच्चों को पढ़ाई में अव्वल देखना हर कोई चाहता है। बच्चों को अच्छे से अच्छे स्कूल में एडमिशन दिलाया जाता है। उनके लिए ट्यूशन लगाया जाता है, खुद भी लेकर बैठा जाता है लेकिन सिंगापुर के एक पेरेंट्स ने बच्चे को पढ़ाने के लिए खुद स्कूल में ही दाखिला ले लिया। नोरमाया जोहरी की बेटी ने जब उनसे गणित के कुछ सवाल पूछने चाहे तो उन्हें वो आए ही नहीं। परेशान नोरमाया ने अपने पति फैजल जमील से बात की, जो एक इंटीरियर डिजाइनर थे। उसके बाद उन दोनों ने तय किया कि वे हर रविवार को एक पायलट प्रोग्राम जॉइन करेंगे, जिसमें वे यह सीखेंगे कि बच्चे को पढ़ाई में मदद कैसे की जाए। पैंतीस साल के फैजल के मुताबिक, ये कक्षाएं काफी आसान थीं और बतौर पेरेंट्स हमें कॉन्सेप्ट्स समझने में काफी मदद भी मिली। गणित समझने के अलावा दंपती सेशन के आखिर में अपनी छह साल की बेटी के साथ गेम्स भी खेलते थे। फैजल का कहना था कि इस प्रोग्राम ने हमारा परिवार के प्रति नजरिया ही बदल डाला। अब हम यह जान चुके हैं कि उसके होमवर्क में कैसे मदद की जाए। द केलासमेटमाटिका(केएमएम) तीन मलय/ मुस्लिस ऑर्गेनाइजेशंस, मेंडी, म्यूआईएस और मेसरा का इनिशिएटिव है। इसका उद्देश्य अगले साल तक 1500 मलय दंपतियों और बच्चों की मुफ्त एजुकेशनल प्रोग्राम के जरिए मदद करना है।


आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद

केएमएम प्रोग्राम उन परिवारों की मदद करता है, जिनके बच्चे चार से छह साल के हैं और इनकी हर महीने की कमाई 450 डॉलर या उससे कम है। इस प्रोग्राम में पेरेंट्स को गणित के प्रारंभिक ज्ञान के साथ बच्चों में आत्मविश्वास और स्वाभिमान जगाने की तकनीक सिखाई जाती हैं। इसमें पेरेंट्स के अलावा बच्चों में गणित की पकड़ मजबूत करने की कोशिश की जाती है। केएमएम के पहले पायलट फेज में अब तक 150 पेरेंट्स सभी 10 सेशन पूरे कर चुके हैं।
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