राजस्थान में रोडवेज के संयुक्त मोर्चे की ओर से बसों के चक्काजाम की घोषणा के बाद अब सरकार और कर्मचारियों के बीच वार्ता का दौर भी विफल रहा। राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन से मंत्री अरुण चर्तुवेदी, कालीचरण सराफ और यूनुस खान वार्ता में शामिल रहे। लेकिन मंत्री और रोडवेज कर्मचारियों की बात नहीं बन पाई। फेडरेशन के प्रदेश महामंत्री ने कहा सरकार के मंत्रियों से कहा मुख्यमंत्री के बिना वार्ता सफल नही होगी। इसीलिए वार्ता का दौर विफल रहा और कर्मचारियों ने अनशन जारी रखने की घोषणा की।
राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान ने रोडवेज कर्मचारियों को आय बढ़ाने के लिए कहा लेकिन कर्मचारी अपनी बात पर रहे और उन्होंने मुख़्यमंत्री से मिलने की मांग की साथ ही सीएम ने बिना वार्ता को अधूरी बताया। साथ ही कर्मचारियों ने अनशन के दौरान प्राइवेट बसों को रोडवेज बस स्टैंड से पांच किलोमीटर दूर रहने के लिए भी कहा।
बता दें कि रविवार रात 12 के बाद रोडवेज के संयुक्त मोर्चे की ओर से बसों के चक्काजाम की घोषणा की गई है। हड़ताल शुरू होने के बाद प्रदेशभर में 4500 रोडवेज बसों का संचन बंद कर दिया जाएगा। साथ ही 9 हजार कर्मचारी काम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे। रोडवेज के संयुक्त मोर्चे और भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध रोडवेज के श्रमिकों का संगठन फेडरेशन की ओर से पिछले 15 दिन से मांगों को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। इसमें संगठन फेडरेशन के कर्मचारी पिछले सात दिन से क्रमिक अनशन और तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं। अब संयुक्त मोर्चे ने 24 घंटे के चक्कजाम की घोषणा की है। बता दें कि पिछले डेढ़ महीने में प्रदेश में रोडवेज की यह दूसरी हड़ताल है। संयुक्त मोर्चे का राजस्थान सरकार पर आरोप है कि समय पूरा होने के बाद भी समझौते का पालना नहीं की गई।
यह है रोडवेजकर्मियों की मांगे – रोडवेज के खाली पड़े पदों को भरने की स्वीकृति जारी की जाए
– रोडवेज के रिटायर कर्मचारियों के देय सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान मिले
– रोडवेज के लिए नई बसें खरीदी जाए
– साथ ही रोडवेज कर्मचारियों को राज्य सरकार के सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और पेंशन भत्ते भी दिया जाए
– रोडवेज के रिटायर कर्मचारियों के देय सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान मिले
– रोडवेज के लिए नई बसें खरीदी जाए
– साथ ही रोडवेज कर्मचारियों को राज्य सरकार के सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और पेंशन भत्ते भी दिया जाए
5 साल में 4 बार हड़ताल 2014——- 2 दिन
2015——- 2 दिन
2016——- दो दिन
2017——- नहीं
2018——- दो दिन – अगर रविवार आधी रात के बाद रोडवेज कर्मियों ने हड़ताल की तो प्रदेश में यह इस साल की तीसरी हड़ताल होगी।