राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने अपने एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के हवाले से उच्च न्यायालय प्रशासन से अपेक्षा की है कि आवेदन शुल्क घटाएं। आयोग के निर्णय की प्रति रजिस्टार, राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर को भेजी गई है।
सूचना आयुक्त शर्मा ने गत दिनों मेड़ता सिटी निवासी अणदाराम चैधरी की द्वितीय अपील निस्तारित करते हुए यह निर्णय दिया। चैधरी ने मुख्य न्यायिक मजिस्टेट, मेड़ता सिटी को 10 रुपए फीस के साथ आरटीआई अर्जी दी थी जो राजस्थान सूचना का अधिकार उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय नियम 2006 के तहत निर्धारित फीस 100 रुपए के ज्यूडिशियल स्टाम्प्स नहीं होने के कारण खारिज कर दी गई। इस पर अणदाराम ने सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की।
याद दिलाया सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट से सम्बन्धित प्रकरण में निर्णय दिया है कि आरटीआई आवेदन शुल्क 50 रूपए तथा प्रतिलिपि शुल्क 5 रूपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसी आधार पर राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन को मौजूदा आवेदन फीस 100 रूपए से घटानी चाहिए। शर्मा ने आदेश की प्रति रजिस्टार, हाई कोर्ट को भेजने के भी निर्देश दिए।
सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट से सम्बन्धित प्रकरण में निर्णय दिया है कि आरटीआई आवेदन शुल्क 50 रूपए तथा प्रतिलिपि शुल्क 5 रूपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसी आधार पर राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन को मौजूदा आवेदन फीस 100 रूपए से घटानी चाहिए। शर्मा ने आदेश की प्रति रजिस्टार, हाई कोर्ट को भेजने के भी निर्देश दिए।
करना होगा नियमों में संशोधन
उच्च न्यायालय प्रशासन को प्रदेश की अदालतों में आरटीआई आवेदन शुल्क घटाने के लिए राजस्थान सूचना का अधिकार उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय नियम 2006 में संशोधन करना होगा। इन नियमों में ही आरटीआई आवेदन शुल्क 100 रूपए तय किया गया है।
उच्च न्यायालय प्रशासन को प्रदेश की अदालतों में आरटीआई आवेदन शुल्क घटाने के लिए राजस्थान सूचना का अधिकार उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय नियम 2006 में संशोधन करना होगा। इन नियमों में ही आरटीआई आवेदन शुल्क 100 रूपए तय किया गया है।