दरअसल, क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर स्कूल और कॉलेजों इस तरह का पाठ्यक्रम तैयार किया जाता है, जिससे स्टूडेंट कम समय में अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकें। लेकिन इसके साथ स्कूल कॉलेज बैग का वजन भी बढ़ रहा है। अधिकांश भारतीय स्कूल, अपने स्टूडेंट्स को लॉकर की सुविधा नहीं देते हैं, जिसके कारण स्टूडेंट्स स्कूल में कोई भी किताब नहीं रख सकता है और उसे स्कूल बैग का वजन रोजाना उठाना पड़ता है। ऐसे में एक प्रमुख समाधान बैग का उचित डिजाइन हो सकती है। जिससे छात्र की सामान्य मुद्रा में कम से कम परिवर्तन आए।
आखिरकार भारी बैग दर्द का सबब
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ हिमांशु माथुर ( physiotherapist Dr Himanshu Mathur ) का कहना है कि जब बैग के भार को शरीर के पीछे की तरफ रखते हुए उठाया जाता है तो गुरुत्वाकर्षण का केंद्र शरीर के आधार पर आगे बढ़ता है। यानी पैरों द्वारा कवर किया गया क्षेत्र। यह शिफ्ट या तो टखने या फिर कूल्हे पर आगे झुककर या सिर को झुकाकर पूरा किया जाता है। इन परिवर्तनों से पीठ में स्नायुबंधन या मांसपेशियों पर जोर देकर या इंटरवर्टेबल पर लगे बलों से दर्द होना और चोट लगने की संभावना हो सकती है। जैसे-जैसे व्यक्तियों की थकान और ये परिवर्तन अधिक स्पष्ट होते जाते हैं, वैसे-वैसे भार वाहक को चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है।
भारी बैग से यह परेशानियां
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ हिमांशु माथुर का कहना है कि इस विषय पर किए गए कई शोध अध्ययनों से यह साबित होता है कि भारी बैग ले जाने से सिर के आगे झुकने की स्थिति बन सकती है। इससे गर्दन, ग्रीवा, ऊपरी वक्ष और कंधे के क्षेत्र में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। आपको बता दें कि ओवरलोडेड स्कूल बैग सिर्फ पीठ की चोट के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि यह गर्दन में दर्द, कंधे में खिंचाव, सिरदर्द और सामान्य थकावट का कारण भी हो सकता है। अधिक वजन स्कूल बैग टखने की चोट का कारण भी बन सकता है।
बैग का वजन हो सिर्फ इतना
चिकित्सक और भौतिक चिकित्सक यह सलाह देते हैं कि बच्चे अपने बैग में अपने शरीर के वजन का 10 से 15 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ हिमांशु माथुर का कहना है कि जब एक भारी बैग को कंधों पर गलत तरीके से रखा जाता है, तो परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसे में इन उपायों के जरिए भारी बैग से होने वाली इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
3. बैग में पूरे दिन की पुस्तकों को ले जाने के बजाय बच्चों को अपने लॉकर या डेस्क का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
4. बैग में अनावश्यक आइटम जैसे लैपटॉप, सेलफोन और वीडियो गेम जरूरी नहीं होने पर नहीं ले जाए।
5. बैग सही तरीके से लेने से बच्चों को पीठ की चोटों से बचने में मदद मिल सकती है।
6. कंधे को बैकपैक उठाते समय दोनों हाथों से पैक को पकड़ना चाहिए।