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जयपुर

बाड़मेर हॉट सीट पर किसकी होगी ‘हैट्रिक’… RLP से रविंद्र सिंह भाटी को फायदा या नुकसान?

राजस्थान की हॉट सीट मानी जा रही बाड़मेर सीट से भाजपा, कांग्रेस से उम्मेदाराम चौधरी तो निर्दलीय ताल ठोक रहे रविंद्र सिंह भाटी हैट्रिक मारने जा रहे हैं।

जयपुरApr 26, 2024 / 12:03 pm

Lokendra Sainger

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रदेश की 13 सीटों पर मतदान जारी है। प्रदेश की हॉट सीट मानी जा रही बाड़मेर सीट से भाजपा, कांग्रेस से उम्मेदाराम चौधरी तो निर्दलीय ताल ठोक रहे रविंद्र सिंह भाटी हैट्रिक मारने जा रहे हैं। वहीं हनुमान बेनीवाल के भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी को समर्थन देने से बाड़मेर के सियासी समीकरणों में कितना बदलाव होने वाला है? हालांकि आरएलपी की इस दूसरी बैठक में भाजपा को समर्थन देने की घोषणा के फैसले को निजी फैसला बताया है।

भाजपा लगाएगी ‘जीत की हैट्रिक’?

दरअसल, बाड़मेर से भाजपा दो बार से लगातार चुनाव जीत रही है। यहां से भाजपा के कर्नल सोनाराम चौधरी ने साल 2014 में 80 हजार वोट से चुनाव जीता। वहीं, साल 2019 में मानवेंद्र सिंह के खिलाफ कैलाश चौधरी ने 3.30 लाख रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीता। इस बार भाजपा से हैट्रिक लगाने के लिए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है।

उम्मेदाराम रोकेंगे ‘हार की हैट्रिक’?

कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम चौधरी साल 2018 में राजनीति में उतरे। उन्होंने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से बायतु विधानसभा सीट से पहले चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस के हरीश चौधरी से करीब 13000 वोट से चुनाव हार गए। दूसरी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की टिकट पर बायतु से ही चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार भी कांग्रेस के हरीश चौधरी से कांटे की टक्कर में महज 910 वोट से चुनाव हार गए। लगातार दो विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद उम्मेदाराम कांग्रेस से चुनावी अखाड़े में उतरे है। अब देखना होगा कि उम्मेदाराम इस बार हार की हैट्रिक लगाते है या रिकॉर्ड तोड़कर बाड़मेर से जीत दर्ज करते है।

भाटी लगायेंगे ‘जीत की हैट्रिक’?

बाड़मेर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी 2019 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से निर्दलीय छात्रसंघ चुनाव जीते। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय जीत दर्ज की। जिसके बाद अब तीसरी बार रविंद्र सिंह भाटी भी निर्दलीय चुनावी रण में उतरे हुए है।
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भाजपा को समर्थन देने को बताया निजी फैसला

बाड़मेर सीट पर दूसरे चरण की वोटिंग से पहले गुरुवार दोपहर बाद बाड़मेर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के कुछ नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी को समर्थन देने की घोषणा की थी। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पूर्व संयोजक गजेंद्र चौधरी ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया था। इस ऐलान के कुछ देर बाद ही आरएलपी नेताओं की शाम को एक और बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में आरएलपी नेताओं ने दिन में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पूर्व जिला संयोजक गजेंद्र सिंह चौधरी द्वारा भाजपा को समर्थन देने की बात का खंडन करते हुए कहा कि भाजपा को समर्थन देने की घोषणा का फैसला उनका निजी फैसला बताया।

RLP वोट शिफ्ट होने से किसको फायदा?

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पूर्व संयोजक गजेंद्र चौधरी ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला चाहे निजी हो, लेकिन आरएलपी का वोट बैंक अगर भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी की ओर शिफ्ट होता है तो उम्मेदाराम को नुकसान होने की संभावना है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी को फायदा होने की संभावना जताई जा रही है।

बाड़मेर सीट पर जातीय समीकरण

बता दें कि इस सीट पर कुल मतदाता करीब 22 लाख 5 हजार हैं। इनमें सबसे ज्यादा मूल ओबीसी के करीब 7 लाख मतदाता हैं। इनके अलावा जाट समाज के करीब चार लाख 50 मतदाता हैं। अल्पसंख्यक करीब 2.80 लाख और राजपूत करीब 3 लाख वोट हैं।

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