दौसा के पॉक्सो कोर्ट के पीठासीन अधिकारी हेमंत सिंह बाघेला ने एक साल पुराने मामले में यह आदेश दिया है। घटना 7 अगस्त 2017 की है। अभियुक्त पीडि़त बालिका को मिठाई दिलाने के बहाने खेत पर ले गया। बालिका के नजदीकी रिश्तेदारों ने बलात्कार का प्रयास करते समय ही अभियुक्त को पकड़ लिया। अभियोजन पक्ष ने घटना की सीडी पेश की, जिसमें अभियुक्त आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहा है। हालांकि अभियुक्त पक्ष का कहना था कि पीडिता ने किसी अन्य का नाम बताया।
सामाजिक व्यवस्था को किया तार-तार
कोर्ट ने सीडी के आधार पर सजा का आदेश देते हुए कहा, यदि बलात्कार हो गया होता तो पीडि़ता सामान्य जीवन नहीं जी पाती। अभियुक्त ने रिश्ते को कलंकित किया है और पूरी सामाजिक व्यवस्था को तार-तार किया। ऐेसे में नरमी बरती तो कहा जाएगा कि न्याय व्यवस्था भी एेसे मामलों के प्रति संवेदनशील नहीं है। कोर्ट ने आइपीसी के तहत 4 साल कारावास व 10 हजार रु. जुर्माना तथा पॉक्सो के तहत 10 साल कारावास व 20 हजार रु. जुर्माने की सजा सुनाई है, वहीं कहा कि भुगती हुई सजा को इसमें समायोजित किया जाए।
कोर्ट ने सीडी के आधार पर सजा का आदेश देते हुए कहा, यदि बलात्कार हो गया होता तो पीडि़ता सामान्य जीवन नहीं जी पाती। अभियुक्त ने रिश्ते को कलंकित किया है और पूरी सामाजिक व्यवस्था को तार-तार किया। ऐेसे में नरमी बरती तो कहा जाएगा कि न्याय व्यवस्था भी एेसे मामलों के प्रति संवेदनशील नहीं है। कोर्ट ने आइपीसी के तहत 4 साल कारावास व 10 हजार रु. जुर्माना तथा पॉक्सो के तहत 10 साल कारावास व 20 हजार रु. जुर्माने की सजा सुनाई है, वहीं कहा कि भुगती हुई सजा को इसमें समायोजित किया जाए।