राजस्थान ( Rajasthan ) के विश्व प्रसिद्ध रणथम्भौर ( Ranthambore ) बाध अभयारण्य ( Tiger Reserve ) में अब 71 बाघ ( Tiger ) हो गए हैं। रणथम्भौर के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। कई बाघ यहां ऐसे हैं, जो अरसे से नजर नहीं आ रहे हैं। वन विभाग अब कुछ बाघों की शिफ्टिंग अन्य जंगलों में करने जा रहा है। इसके लिए योजना बनाई जा चुकी है।
पिछले कुछ समय में कुछ बाघों (
tigers ) के मारे जाने की खबरों के बीच 932 वर्ग किमी में फैले रणथम्भौर बाध अभयारण्य (
Ranthambore e
tiger reserve ) बाघों की संख्या बढ़कर 71 होने का समाचार सुखद हैं। अलबत्ता माना जा सकता है कि इन बाघों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ( forest t department ) पूरी तरह से सजग नजर आता है। फिर भी, इनकी संख्या बढ़ने से आसपास के गांवों के मध्ये नजर कुछ बाघों की शिफ्टिंग की योजना है। इसके लिए 9 जिलों के 7 जंगलों ( forest ) का चयन किया गया है। इस शिफ्टिंग के बाद राजस्थान ( Rajasthan ) के 15 जिलों में बाघ नजर आएंगे। बीते समय में कुछ बाघ शिफ्ट किए भी गए हैं, फिर भी संख्या बढ़ने के कारण अब फिर शिफ्टिंग की तैयारी है।
कार्यशाला भी कीइसके लिए वन विभाग ने भारतीय वन्य जीव संस्थान ( Wildlife Institute of India ) , नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ( National Tiger Conservation Authority ) और वन्य जीव विशेषज्ञों के साथ एक कार्यशाला ( Workshop ) कर इस संबंध में खास चर्चा की। इसमें सात जंगलों का चयन किया गया। साथ ही, बाघों की शिफ्टिंग के लिए एक कॉरिडोर बनाने पर भी चर्चा की गई।
तीन टाइगर रिजर्ववर्तमान में राजस्थान में तीन टाइगर रिजर्व हैं। इनमें रणथम्भौर, सरिस्का ( Sariska Tiger Reserve ) और मुकुंदरा ( Mukundra Tiger Reserve ) शामिल हैं। वन विभाग ने एक वर्ष में मुकंदरा में 4 बाघ शिफ्ट करने का सफल प्रयोग कर चुका है।